कोरोना महामारी में उजड़ रहे है परिवार, मात्र 12 दिनों के अंतर में मृत्यु को प्राप्त हुआ पूरा परिवार

कोरोना महामारी में उजड़ रहे है परिवार, मात्र 12 दिनों के अंतर में मृत्यु को प्राप्त हुआ पूरा परिवार

राजकोट के दो भाई भी मात्र आधे घंटे में एक साथ निकले अनंत की राह पर

कोरोना वायरस की दूसरी लहर अंदाज से भी अधिक खतरनाक साबित हो रही है। बढ़ते हुये केसों के कारण पूरे दिन यह कब्रिस्तान में चिताएँ जल रही है। मानो यमराज सभी का भक्षण करने बैठे हो ऐसे हालात है। इसी कोरोना महामारी का शिकार महाराष्ट्र के महानगर मुंबई से 220 किलोमीटर दूर सतारा जिले में रहने वाला गुजराती परिवार हुआ था। जहां परिवार में एक के बाद तीन सदस्यों की लगातार मौत हो गई। 
डिस्पोज़ेबल ग्लास के व्यापारी सुनील सुरेश शाह, उनकी पत्नी और बेटे की 12 दिन के भीतर ही कोरोना के कारण सबके प्राण निकल गए। गुजरात के पालनपुर के मूल निवासी और महाराष्ट्र के लोनंद के निवासी और एक मेडिकल स्टोर के मालिक रवींद्र शाह (61 वर्ष) ने कहा कि उनका छोटा भाई उनसे अलग अपनी पत्नी क्षमाबेन (52 साल) और बेटे आदित्य (28 साल) के साथ रहते थे। 15 अप्रैल को, इन तीन व्यक्तियों की रिपोर्ट सकारात्मक आई। 23 अप्रैल को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। 
(Photo Credit : khabarchhe.com)
हालांकि, घर आने के बाद, क्षमाबेन की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसके बाद रवीद्र का छोटे भाई सुरेश शाह भी बीमार हो गए और उसे सतारा अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया जहां इलाज के दौरान 1 मई को उसकी मौत हो गई। अंत में सांस की तकलीफ के कारण आदित्य को ICCU में रखा गया। मंगलवार 4 मई को उनका निधन हो गया। इस प्रकार मूल गुजराती और महाराष्ट्र में रहने वाले गुजराती परिवार कोरोना के शिकार हो गए।
दूसरी ओर, राजकोट के पास गोंडल के कलोला परिवार के दो सगे भाई की आधे घंटे के अंदर कोरोना के कारण मौत हो गई। कोरोना के कारण दोनों भाइयों की मौत हो जाने से परिवार में शोक का माहौल है। गोंडल में गुंडाला रोड पर स्थित डेकोरा सिटी के निवासी भगवानजी कांजीभाई कलोला का बुधवार रात 9 बजे निधन हो गया। उनके छोटे भाई चंदूभाई भी पिछले एक महीने से कोरोना से पीड़ित थे और विभिन्न अस्पतालों में उनका इलाज भी करवाया जा रहा था। लेकिन बड़े भाई के मृत्यु की कोई जानकारी नहीं दी गई। लेकिन सुबह दस बजे के आसपास चंदूभाई ने भी अपना देह त्याग दिया और दोनों भाई अनंत का राह पर साथ में निकल पड़े।