छट्ठी क्लास की बच्ची ने बनाया कोरोना से बचाने वाला हेलमेट, मेडिकल इमर्जन्सी में आएगा काम

छट्ठी क्लास की बच्ची ने बनाया कोरोना से बचाने वाला हेलमेट, मेडिकल इमर्जन्सी में आएगा काम

घर की पुरानी चीजों का इस्तेमाल कर बनाया कोरोना सेफ़्टी हेलमेट, आईआईटी के अध्यापक ने की तारीफ

कोरोना वायरस को रोकने के लिए हर दिन नए नए संशोधन हो रहे है। जिसमें वाराणसी में क्लास 6 में पढ़ने वाली एक बच्ची ने एक ऐसे हेलमेट का इजात किया है जो लोगों को कोरोना में सुरक्षा देने के साथ मेडिकल इमर्जन्सी में भी काम आएगी। 
उत्तरप्रदेश के वाराणसी में क्लास 6 में पढ़ने वाली 12 साल की अपेक्षा ने कोरोना सेफ़्टी हेलमेट बनाया है। जो हवा में ही वायरस को सैनीटाइज़ करने में सक्षम है। अपेक्षा ने कहा की हेलमेट की एक उयर आईआर सेंसर लगाया गया है। जो किसी भी ऑब्जेक्ट के सामने आते है सैनीटाइजर फॉग सिस्टम चालू कर देगा। जिससे की सामने आने वाली चीज या किसी भी चीज को सैनीटाईज कर देगा। इसके अलावा इसे अन्य स्थानों में भी सेट किया जा सकता है। फिलहाल इसकी रेंज तीन किलोमीटर की है। इसे बनाने के लिए 1500 रूपये का खर्च हुआ है। इस सिस्टम में ब्लूटूथ का इस्तेमाल कर डॉक्टर का नंबर भी जोड़ा जा सकता है। जिससे की मेडिकल इमर्जन्सी में भी यह काफी उपयोगी साबित हो सकता है। यदि कोई दुर्घटना होती है तो ऑटोमेटिक ही डॉक्टर को फोन लग जाएगा। इस हेलमेट को एक घंटा चार्ज कर दो दिन तक इस्तेमाल किया जा सकता है। 
इस हेलमेट को बनाने के लिए अपेक्षा ने खिलौनों के कुछ हिस्से, आईआर सेंसर्स, 9 वॉल्ट की बेटरी का इस्तेमाल किया था। आईआईटी बीएचयू के स्कूल ऑफ बायोमेडिकल इंजीन्यरिंग के एसोशिएट प्रोफेसर डॉ. मार्शल धायल ने कहा की यह एक अच्छा विचार है। यह हेलमेट कोरोना काल के दौरान अस्पताल और डॉक्टर के लिए हवा में फ़ेल रहे वायरस को काम करने में सहायक हो सकता है।