होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की मौत के ये दो मामले, सुध लेने वाला कोई नहीं
By Loktej
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अंदर बैठी विकलांग माँ चिल्लाती रही पर बाहर नहीं सुनाई दी किसी को आवाज
उत्तर प्रदेश में भी कोरोना ने अपना विकराल रूप ले लिया है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लोगों में भय का माहौल बढ़ता जा रहा है। श्मशान पर लगी लंबी-लंबी कतारें लोगों को प्रशासन व्यवस्था पर सवाल खड़ा करने को मजबूर कर रही है। अस्पताल के अलावा आइसोलेट में उपचार ले रहे कई लोग तो घरों पर ही उपचार लेते लेते प्राण गवां दे रहे हैं।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कृष्णा नगर सेक्टर में रहने वाले 65 वर्षीय अरविंद गोयल और उनके 25 साल के बेटे इलू गोयल क्वॉरेंटाइन में उपचार ले रहे थे, जहां कि उनकी मौत हो गई। पड़ोसियों को जब घर में से दुर्गंध आने लगी तब पता चला कि बाप-बेटे की मौत हो गई है। पड़ोसियों ने इस बारे में पुलिस को जानकारी दी पुलिस ने वहां पहुंचकर दरवाजा तोड़ा और अंदर देखा तो उसमें दो लाशें पड़ी थी। साथ ही रंजना गोयल की तबीयत खराब हो गई थी। उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। बताया जा रहा है कि यह तीनों कोरोना संक्रमित होने के बाद घर पर ही उपचार करवा रहे थे।
महिला विकलांग होने के कारण चल नहीं पा रही थी। पति और बेटे की मौत के बाद उसने बहुत आवाज लगाई लेकिन उसकी आवाज किसी तक नहीं पहुंच सकी। पुलिस ने बेटे और बाप की लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। जबकि महिला को उपचार के लिए लोक बंधु हॉस्पिटल में दाखिल किया गया है। पड़ोसियों का कहना है कि 4 दिन पहले उन्होंने अरविंद गोयल को घर में घूमते फिरते देखा था, लेकिन बाद में नहीं दिखे। दूसरी ओर घर के किसी परिवार जन की जानकारी नहीं होने से पुलिस ही पिता पुत्र का अंतिम संस्कार करेगी।
कृष्णा नगर के ही सेक्टर डी के एक मकान में रहने वाले एक शख्स का शव मिला था। जिसकी पहचान विवेक शर्मा के तौर पर की जा रही है। विवेक ने कोरोना संक्रमित होने के कारण खुद को आइसोलेट कर लिया था। विवेक की मौत के बाद पड़ोसियों ने कुशीनगर में रहने वाले विवेक के परिचित को उनकी मौत की जानकारी दे दी थी। बाद में प्रशासन के लोग पहुंचे और कार्रवाई की।
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