प्राचीन और दुर्लभ वस्तुओं को पॉलिश करके एक सफल उद्यमी बनीं विनीता

प्राचीन और दुर्लभ वस्तुओं को पॉलिश करके एक सफल उद्यमी बनीं विनीता

दिवंगत पति के पास आए एक फोन कॉल से मिली प्रेरणा से विनीता ने बनाई अपनी मंजिल

चेन्नई, 25 अप्रैल (आईएएनएस)| मूल रूप से केरल से संबंध रखने वाली विनीता नांबियार पिछले 35 सालों से चेन्नई के वलसरवक्कम में बसी हुई हैं और एक अनोखा उद्यम चला रही हैं, जो अपनी तरह का एक दुर्लभ काम है। वह पुराने धातु के सामान को पॉलिश करके चमकाने का काम करती हैं। वह प्राचीन एवं दुर्लभ धातु के विभिन्न सामानों को इस प्रकार से पॉलिश कर चमका देती हैं, कि वह अपनी पुरानी पहचान खोए बिना एक नए ब्रांड में बदल जाता है।
उनके नायाब उद्यम शाइन ओ शाइन के तहत दुर्लभ प्राचीन वस्तुओं को पॉलिश करने का काम किया जाता है। दुनिया भर से प्राचीन बर्तन, स्मृति चिन्ह, कप, ट्रॉफी और यहां तक कि केरल और तमिलनाडु के पुश्तैनी घरों में पाए जाने वाले प्राचीन एवं दुर्लभ बर्तनों व सामानों की पॉलिश का काम किया जाता है और उन्हें बिल्कुल नया लुक दे दिया जाता है। इसके बाद यह दुर्लभ सामान लोगों के घरों, दुकानों और यहां तक कि प्रदर्शनियों में भी प्रदर्शित किए जा सकते हैं। उनके द्वारा प्राचीन वस्तुओं को नया लुक देने के बाद यह सेलिब्रिटी के घरों और यहां तक कि पांच सितारा होटलों की शान बढ़ाने का काम करते हैं।
विनीता को यह आइडिया 2005 में तब सूझा, जब उनके दिवंगत पति इंटीरियर डिजाइनर दिनेश नांबियार से उनके ग्राहकों ने संपर्क किया कि क्या वह उनके घरों और व्यावसायिक परिसरों में प्राचीन धातु के सामानों को पॉलिश करके उन्हें नया लुक दे सकते हैं। दिनेश, जिनका अपने इंटीरियर डिजाइन के काम में ही पूरा समय खप जाता था, वह अपने ग्राहकों के अनुरोध पर अमल नहीं कर सके। मगर इसके बाद विनीता ने इस दिशा में काम करने की ठानी।
महिला उद्यमी ने शाइन ओ शाइन के तहत इस काम की शुरूआत की और कुछ ही दिनों में धातु के सामानों को चमकाने और उन्हें पॉलिश करने का काम ही उनकी आजीविका का साधन बन गया। अब यह काम न केवल उनकी रोजी-रोटी का एक जरिया है, बल्कि इसने उन्हें एक नई पहचान भी दिलाई है।
विनीता अब एक सप्ताह में लगभग 100 किलो पुरानी धातु की वस्तुओं की पॉलिश कर रही हैं, जिसमें दुर्लभ प्राचीन वस्तुएं, बर्तन और संग्रहकर्ता आइटम शामिल हैं, जिन्हें कई शौकीन लोगों द्वारा दुनिया भर से इकट्ठा किया जाता है और वह इन्हें नया लुक देने के लिए विनीता की मदद लेते हैं। प्राचीन वस्तुओं को संजोकर रखने और इस प्रकार के सामान को अपने घरों या व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में रखने के शौकीन लोगों को विनीता का काम काफी पसंद आ रहा है। खासकर केरल और तमिलनाडु में अपने पूर्वजों के प्राचीन सामान और अन्य दुर्लभ सामग्री को नया लुक देने के लिए लोग विनीता से संपर्क करते हैं।
विनीता ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, " मैंने इसकी शुरूआत शौकिया तौर पर की थी, मगर समय के साथ कई लोग हमसे जुड़ते चले गए। मेरे पति इंटीरियर डिजाइनिंग व्यवसाय में थे और इसलिए हमें उनके ग्राहकों की ओर से पूछा गया था कि क्या हम उनके पुराने माल को पॉलिश कर सकते हैं। यह बाद में मेरी कमाई का एकमात्र बिंदु बन गया और वह भी एक सभ्य तरीके से।"
महिला उद्यमी के पास फिलहाल दक्षिण भारतीय सुपरस्टार, मोहनलाल सहित तमिल और मलयालम फिल्म उद्योग के कई सेलिब्रिटी क्लाइंट हैं, जो दुनिया भर की प्राचीन और दुर्लभ प्राचीन वस्तुओं के शौकीन हैं। उन्होंने पाया कि शाइन ओ शाइन वह जगह है, जहां से वह अपने अमूल्य संग्रहों की खोई हुई चमक को पुन: प्राप्त कर सकते हैं, जिनकी कीमत करोड़ों में है और वैश्विक स्तर पर भी इसकी बड़ी मांग है। तमिल और मलयालम अभिनेता जयराम और उनकी पत्नी पार्वती, जो कभी मलयालम फिल्मों की शीर्ष नायिका थीं, विनीता के अन्य सेलिब्रिटी ग्राहक हैं। वह चांदी, पीतल और अन्य धातु की सामग्री सहित अपनी सभी दुर्लभ वस्तुओं को चमकाने के लिए विनीता की सेवाओं का उपयोग करते हैं।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एस. वेंकटराघवन, जो एक पूर्व अंपायर भी थे, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट और एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैचों में अंपायरिंग की है, वह भी शाइन ओ शाइन के एक नियमित ग्राहक हैं और उन्होंने हाल ही में दुर्लभ एवं प्राचीन बर्तन पॉलिश कराए हैं, ताकि वह इन्हें अपने घर में रख सकें। भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त दिवंगत आईएएस अधिकारी टी. एन. शेषन और उनकी पत्नी भी शाइन ओ शाइन और विनीता के पुराने ग्राहकों में से एक हैं।
अभी भी ऐसे कई लोग हैं, जो पुरानी और प्राचीन सामग्रियों को खरीदते हैं और फिर इन्हें बेचने का काम करते हैं, वह भी विनीता के नियमित ग्राहक हैं। यहां तक कि उनके द्वारा चमकाए गए पुराने सामान विदेशों में भी भेजे जा रहे हैं।
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