कोरोना काल में मानवता की मिसाल है ये इंसान, लोगों तक ऑक्सीजन पहुँचाने के लिए बेचीं अपनी महंगी वाली कार
By Loktej
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बीते साल 4 हजार से अधिक लोगों की मदद की, हेल्पलाइन और वार रूम के जरिए कर रहे हैं मदद
इस समय पूरा देश कोरोना के संक्रमण से जूझ रहा है। देश के कई राज्यों में जरुरी मेडिकल सुविधाएँ भी नहीं है तो महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश सही बहुत से राज्यों में मरीज ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं। इस बीच देशभर में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जिन्होंने हर किसी के दिल को छू लिया है। ऐसे कुछ घटनाओं ने मानवता पर विश्वास को और बढ़ा दिया है। हाल ही में मुंबई के मलाड में रहने वाले शाहनवाज़ शेख ने कुछ ऐसा किया जिसे जानकार हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है। लोगों के लिए एक मसीहा बन चुके शेख को 'ऑक्सीजन मैन' के नाम से जाना जाता है। ये फोन कॉल के जरिए मरीजों तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम कर रहे हैं। इस काम के लिए उन्होंने एक युद्ध कक्ष भी तैयार किया है ताकि लोगों को परेशानी न हो।
आपको बता दें कि लोगों की सहायता करने के लिए शाहनवाज ने कुछ दिनों पहले अपनी 22 लाख रुपये वाली एसयूवी भी बेच दी। कार बेचने से मिले पैसों से शाहनवाज ने जरूरतमंद लोगों के लिए 160 ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदे। शाहनवाज ने कहा, "पिछले साल लोगों की मदद करते समय पैसे ख़त्म हो चले थे ऐसे में मैंने अपनी कार बेचने का फैसला किया।"
इसके आगे शाहनवाज ने कहा कि पिछले साल हुए संक्रमण की शुरुआत में उनके दोस्त की पत्नी की मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण एक ऑटो रिक्शा में ही हो गई थी। जिसके बाद उन्होंने फैसला किया कि वह अब मुंबई में मरीजों को ऑक्सीजन पहुँचाने का काम करेंगे। लोगों को समय पर मदद प्रदान करने के लिए, शाहनवाज ने एक हेल्पलाइन नंबर की घोषणा करके युद्धस्तर पर काम शुरू कर दिया है।
शाहनवाज का कहना है कि इस बार स्थिति पहले जैसी नहीं है। जनवरी में, जहां ऑक्सीजन के लिए 50 कॉल थे, आज हर दिन 500 से 600 कॉल होते हैं। आलम यह है कि अब हम केवल 10 से 20 प्रतिशत लोगों की ही मदद कर सकते हैं। शाहनवाज ने कहा कि उनके पास वर्तमान में 200 ऑक्सीजन सिलेंडर हैं। जिनमें से 40 किराए पर हैं। वे पहले जरूरतमंदों को बुलाते हैं और उन्हें ऑक्सीजन ले जाने के लिए कहते हैं और जो सिलेंडर सक्षम नहीं होते हैं उन्हें उनके घरों तक पहुंचाया जाता है।
शाहनवाज की टीम सिलिंडर लेने आए रोगियों के परिजनों को इसका उपयोग करने का तरीका समझाते है। अधिकांश रोगियों के रिश्तेदार उपयोग के बाद खाली सिलेंडर यहाँ वॉर रूम में पहुंचा देते हैं। शाहनवाज के मुताबिक उन्होंने पिछले साल से 4,000 से अधिक लोगों की मदद की है।