सेवा का जज्बा; कोरोना काल में 12वीं की ये छात्रा लावारिस शवों के अंतिम संस्कार में कर रही मदद!
By Loktej
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इस कठिन समय में लोगों की सेवा करने वाली लड़की समाज के लिए एक मिसाल
भारत में कोरोना की हालत दिन-प्रति-दिन खराब होती जा रही है। पिछले कई दिनों से प्रतिदिन 2 लाख से अधिक लोग इस घातक वायरस से संक्रमित हो रहे हैं और लगभग 1,500 लोग अपनी जान गंवा रहे है। देश के विभिन्न जगहों से डरावनी तस्वीरें आ रही हैं। ऐसे में कुछ लोग ऐसे हैं जिन्होंने इस कठिन समय अपने तन, मन और धन से लोगों की सेवा करना शुरू कर दिया है। ऐसे में एक 16 वर्षीय लड़की की जानकारी सामने आई है जो इस मुश्किल समय में लोगों की सेवा कर रही है।
जैसा कि हर कोई जानता है इस कोरोना युग के दौरान पूरे देशभर में उथल-पुथल मची हुई है। इस कठिन समय में तेलंगाना की एक 16 वर्षीय लड़की सभी के लिए एक उदाहरण के रूप में आगे आई है। उसके काम की राज्य में हर जगह प्रशंसा हो रही है और हर कोई उसकी बहादुरी को सलाम कर रहा है। 16 वर्षीय देवीश्री डॉ एन सेवा फाउंडेशन नामक एक एनजीओ से जुड़ी हो है। इसके तहत वह लावारिस लाशों के अंतिम संस्कार में सहायता कर रही है। इसमें उन लोगों की लाशें भी शामिल हैं जिन्होंने कोरोना के कारण अपनी जान गंवाई।
आपको बता दें कि एनजीओ ने उन लावारिस लाशों के अंतिम संस्कार में सहायता की जो रेलवे पटरियों पर बिखरी हुई पाई गई थीं। साथ ही यह एनजीओ उन लोगों का अंतिम संस्कार कर रहा है जो संक्रमण से मारे गए। एनजीओ को आमतौर पर लाशों के बारे में पुलिस से जानकारी मिलती है फिर इस एनजीओ के लोग मौके पर जाकर लाशों का अंतिम संस्कार करते है। लोकडाउन के दौरान देवश्री इस एनजीओ में शामिल हो गईं। वह स्वयंसेवकों की एक टीम का हिस्सा हैं जिसमें सभी महिलाएं शामिल हैं। वह इंटरमीडिएट की पढ़ाई के साथ-साथ सामाजिक कार्य भी करती है।
उसके माता-पिता एक फ़ूड स्टाल चलते है जिसे लॉकडाउन के दौरान बंद करना पड़ा था। यह एनजीओ शवों के साथ-साथ मानसिक रूप से बीमार मरीजों के पुनर्वास के लिए भी काम करता है। यह श्रीनिवास राव द्वारा शुरू किया गया था, वह बीएसएनएल में बतौर लाइनमैन सेवानिवृत्त हुए थे। वह खुद एक अनाथालय में पले-बढ़े है। श्रीनिवास राव के बारे में सुनने के बाद ही उन्हें इस एनजीओ से जुड़ने की प्रेरणा मिली। देवीश्री के अनुसार, महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी क्षमता दिखा रही हैं और वे कर सकती थी, कर रही है। देवश्री की टीम में शामिल होने वाली अन्य महिलाएं भी देवश्री के समर्पण की प्रशंसा करती हैं।