लापरवाही : वार्ड बॉय ने कोरोना संक्रमित मरीज से निकाला ऑक्सीजन मशीन, तड़पने से हुई मरीज की मौत

लापरवाही : वार्ड बॉय ने कोरोना संक्रमित मरीज से निकाला ऑक्सीजन मशीन, तड़पने से हुई मरीज की मौत

अस्पताल की ओर से गंभीर उदासीनता, सीसीटीवी में सामने आई सच्चाई

देश में कोरोना की दूसरी लहर का आक्रमण बहुत ही तेजी बढ़ रहा है। प्रतिदिन सामने आने वाले मामलों की संख्या भी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रहे है। रोजाना रिकॉर्ड तोड़ मामले सामने आ रहे हैं। देश में पहली बार पिछले 24 घंटों में 2 लाख से अधिक नए मामले सामने आए हैं। देश के प्रमुख राज्यों में अस्पताल भरे हुए हैं और कोरोना संक्रमित मरीजों को पर्याप्त बेड नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण मध्य प्रदेश में भी अधिकांश अस्पताल हाउसफुल की कगार पर हैं। राज्य के कई शहरों में प्रशासन द्वारा लापरवाही के मामले भी सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला शिवपुरी जिले से सामने आया है। जहां एक वार्ड बॉय ने एक कोरोना मरीज कोलागाये गए ऑक्सीजन मशीन को हटा दिया और सांस की तकलीफ के कारण मरीज की कुछ समय बाद ही मौत हो गई।
आपको बता दें कि मृतक के रिश्तेदारों ने आरोप लगाया कि अस्पताल के वार्ड बॉय ने नाजुक स्थिति में रहे मरीज को लगाए गए ऑक्सीजन मशीन को निकाल कर अन्य मरीज को लगा दिया। हैरान करने वाली बात यह है कि जब पीड़ित की मौत हुई, तो अस्पताल ने उसकी लापरवाही को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। अस्पताल ने कहा कि मरीज की हालत पहले से बहुत ज्यादा खराब थी। हालांकि मृतक के परिजनों ने सीसीटीवी फुटेज की मांग की और इसे देखने के बाद सब सच सामने आ गए।
आपको बता दें कि इस फुटेज में सुरेंद्र को रात 11 बजे तक अपने बेटे दीपक से बात करते देखा गया। इसके बाद दीपक चला गया, तो उसके पिता सो गए। देर रात एक वार्ड ब्वॉय सुरेंद्र के पास पहुंचा और उनका ऑक्सीजन पोर्टेबल निकालकर ले गया। फिर सुबह लगभग 5 बजे सुरेन्द्र ऑक्सीजन की कमी के कारण सुरेन्द्र तड़पने लगे लेकिन किसी भी डॉक्टर या नर्स ने उनकी ओर ध्यान नहीं दिया और ना ही किसी ने उन्हें ऑक्सीजन दिया। इस मामले में मृतक के बेटे ने कहा कि जब वह सुबह अस्पताल पहुंचे तो पिता को बिस्तर पर तड़पते देखा। इसके बाद उसने एक स्ट्रेचर खोजने की कोशिश की लेकिन जब उसे किसी भी तरह की  मदद नहीं मिली, तो उसने अपने कंधे पर ही अपने पिता को आईसीयू ले जाने का सोचा पर इसके बाद भी सुरेंद्र नहीं बच सके।
पहले तो परिवार वाले किसी भी कीमत पर मृतक के अंतिम संस्कार को तैयार नहीं थे पर जब मामले में भाजपा कार्यसमिति सदस्य धीरवर्धन शर्मा के हस्तक्षेप के बाद, अस्पताल प्रशासन ने 3 सदस्यीय टीम का गठन किया और 48 घंटे के भीतर जांच पूरी करने का आदेश दिया तब परिजनों ने मृतक के अंतिम संस्कार की तैयारी की।
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