पर्व : इस साल बन रहा विशेष संयोग, दिवाली और नए साल के बीच ग्रहण
By Loktej
On
सोमवार 24 अक्टूबर को दिवाली और 26 अक्टूबर को नए साल के बीच मंगलवार 25 अक्टूबर को सूर्यग्रहण का मुहूर्त है
कोरोना के कारण दो सालों तक अपने प्रिय त्यौहारों को ना मना पाने वाले शहरवासियों में इस साल हर त्यौहार को लेकर अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा है। पहले गणेश चतुर्थी, फिर नवरात्रि और अब दीवाली। इस साल लोगों ने जमकर गरबा खेला और अब हिंदू धर्म के सबसे बड़े त्योहार दिपोत्सवी को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। हिंदू धर्म में दिवाली का बहुत अधिक महत्व होता है। दिवाली के पावन पर्व की शुरुआत धनतेरस से हो जाती है। दिवाली के महापर्व का हर किसी को इंतजार रहता है। धनतेरस से भैय्या दूज तक दिवाली की धूम रहती है। इस साल दिवाली का महापर्व अक्टूबर माह में पड़ रहा है। दिवाली के पावन दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की विधि- विधान से पूजा- अर्चना की जाती है। इस बीच इस साल दिवाली और नए साल के बीच उत्सव के बीच एक अजीब सी स्थिति देखी जा रही है। सोमवार 24 अक्टूबर को दिवाली और 26 अक्टूबर को नए साल के बीच मंगलवार 25 अक्टूबर को सूर्यग्रहण का मुहूर्त है। ऐसे में लोगों में असमंजस की स्थिति देखी जा रही है। ज्योतिषी राय दे रहे हैं कि संवत-2078 के पांच ग्रहणों में से यह भारत में देखा जाने वाला एकमात्र और आखिरी ग्रहण है।
उल्लेखनीय है कि सूर्य ग्रहण सहित खगोलीय घटनाओं को लेकर शहरवासियों में उत्सुकता है। जिसमें अब 25 अक्टूबर को लगने वाला सूर्यग्रहण अन्य कारणों से भी चर्चा का विषय बन रहा है क्योंकि, यह ग्रहण दिवाली और नए साल के बीच लग रहा है। जिससे दो महत्वपूर्ण पर्वों के बीच एक दिन खाली रहने के कारण शुभ कार्यों को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
भारत में दिखाई देगा ग्रहण
एक ज्योतिषी के अनुसार हिन्दू संवत वर्ष 2078 में कुल 5 ग्रहण हैं। 25 अक्टूबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत समेत यूरोप, अफ्रीका महाद्वीप का उत्तरपूर्वी भाग, एशिया का दक्षिण-पश्चिमी भाग और अटलांटिक में दिखाई देगा। ग्रहण की शुरुआत 25 अक्टूबर की शाम 4 बजकर 29 मिनट से होगी और समाप्ति 5 बजकर 42 पर होगी। ये इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण होगा। इससे पहले 19 नवंबर 2021, 4 दिसंबर 2021, 30 अप्रैल 2022 और 16 मई को लगे ग्रहण भारत में दिखाई नहीं दिए थे। अब 25 अक्टूबर को ग्रहण भारत में दिखाई देगा। मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठानों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। ग्रहण के दौरान वेधा के दर्शन के लिए मंदिर के मुख्य द्वार बंद रहेंगे।
कब मनाई जाएगी दिवाली? कब होगा भाई दूज का मुहूर्त
गौरतलब है कि 24 अक्टूबर की शाम 4.29 बजे से इस वर्ष दिवाली और नूतनवर्षा तिथि के अजीब संयोग के बीच काली चौदस मनाई जाएगी। 24 अक्टूबर सोमवार शाम 5.28 बजे तक चौदशा की तिथि है। रविवार को सुबह 6.04 बजे से सोमवार को शाम 5.28 बजे तक काली चौदस मनाया जाएगा। इस साल महालक्ष्मी पूजा 24 अक्टूबर, सोमवार को है। कार्तिक मास की अमावस्या के दिन महालक्ष्मी पूजा होती है। इस पावन दिन विधि- विधान से मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इस दिन विधि- विधान से भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना की जाती है। सोमवार शाम 5.29 बजे के बाद जब अमास के साथ दीपावली पर्व मनाया जाएगा तो उसी दिन दीपमाला, दीपदान होगा। चित्रा नक्षत्र में दीपावली पर्व मनाया जाएगा। अगला दिन मंगलवार शाम 4.19 बजे तक है। बीच में एक खाली दिन रहेगा और बुधवार को नया वर्ष मनाया जाएगा और उसी दिन दोपहर 2.43 बजे से भाई दूज मनाया जाएगा। ऐसे में इस बार 26 और 27 दोनों ही दिन भाई दूज का पर्व मनाया जा रहा है। लेकिन 26 अक्टूबर को ज्यादा श्रेष्ठ माना जा रहा है।
असमंजस की स्थिति
वर्तमान में जब दीपावली पर्व की अवधि 15 दिन शेष है तो दीपावली और नव वर्ष के बीच एक दिन खाली रहने से नगरवासियों में असमंजस की स्थिति है। ऐसा संयोग कई वर्षों के बाद देखने को मिल रहा है। आमतौर पर नूतन वर्ष दिवाली के बाद दूसरे दिन मनाया जाता है पर इस साल ऐसा नहीं होगा।
Tags: Diwali