क्या भारत भी खुद की क्रिप्टोकरेंसी करेगा लॉन्च? जानें आरबीआई ने क्या दिये संकेत

क्या भारत भी खुद की क्रिप्टोकरेंसी करेगा लॉन्च? जानें आरबीआई ने क्या दिये संकेत

अगले साल के पहले क्वार्टर में आरबीआई द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया जा सकता है सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC)

विश्वभर में क्रिप्टोकरेंसी की मांग काफी बढ़ रही है। यूरोपियन देशों में क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता दे दी गई है। यही नहीं दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और टेस्ला कार के निर्माता एलन मस्क पहले ही बिटकोइन में पेमेंट स्वीकार करने की बात को स्वीकार कर चुके है। ऐसे में अब भारत सरकार द्वारा भी क्रिप्टो वर्ल्ड में प्रवेश करने के संकेत दिये जा रहे है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा मिले कुछ संकेतों की बात करे तो ऐसा माना जा रहा है कि अगले साल रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल करेंसी लॉन्च की जा सकती है। इसके लिए फिलहाल आरबीआई एक योजना बना रही है। यह सारी जानकारी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बेंकिंग एंड इकोनोमिक कोंकलेव में केन्द्रीय बैंक के एक उच्च अधिकारी ने बताई थी।
आरबीआई अधिकारी पी. वासुदेव द्वारा एक न्यूज पेपर को दिये इंटरव्यू के अनुसार, अगले साल पहले त्रि-मासिक पायलट प्रोजेक्ट के तहत डीजटल करेंसी लॉन्च की जा सकती है। जिसे लेकर आरबीआई काफी उत्सुक है। अगले साल के पहले क्वार्टर में ही आरबीआई सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) लॉन्च कर दे ऐसा माना जा रहा है, जो की भारतीय करेंसी का ही डिजिटल स्वरूप होगी। इसके बाद अगले साल दिसंबर तक इसके सॉफ्ट लॉन्च की संभावना है। हालांकि अब तक इसकी कोई डेडलाइन जारी नहीं की गई है।
इस बीच गुरुवार को सिडनी डायलॉग्स में पीएम मोदी ने क्रिप्टोकरंसी पर बयान दिया। मोदी ने दुनिया को क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल को लेकर आगाह किया। इस बारे में चिंता व्यक्त करते हुए मोदी ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि क्रिप्टोकरेंसी गलत हाथों में न जाए। यह देखना दिलचस्प होगा कि विशेष रूप से युवा इस मुद्रा का उपयोग कैसे करते हैं। मोदी ने इस बात पर भी चिंता जताई कि अगर यह गलत हाथों में चली गई तो दुनिया को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। दो दिन पहले आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी बिटकॉइन के इस्तेमाल को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी थी। मोदी और दास के बयान से पता चलता है कि भारत अभी भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चिंतित है। डिजिटल करेंसी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है लेकिन भारत इसके इस्तेमाल को लेकर सचेत है। इसलिए भारत अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करने से पहले काफी सटीकता बरत रहा है।
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