केंद्र सरकार का तोहफा : माता-पिता और बुजुर्गों की सेवा करने के बदले मिलेगा ये लाभ

केंद्र सरकार का तोहफा : माता-पिता और बुजुर्गों की सेवा करने के बदले मिलेगा ये लाभ

वेलफेयर ऑफ पेरेंट्स और सीनियर सिटिजन (अमेंडमेंट) बिल 2019 पर लिया जा सकता फैसला

केंद्र सरकार माता-पिता और बुजुर्गों की देखरेख के लिए एक नया नियम लाने जा रही है। दरअसल, मानसून सत्र में मेंटनेंस और वेलफेयर ऑफ पेरेंट्स और सीनियर सिटिजन (अमेंडमेंट) बिल 2019 पर फैसला लिया जा सकता है।
आपको बता दें कि सोमवार से ही संसद का मानसून सत्र शुरू हो चुका है। काफी समय से इच्छित एजेंडा वेलफेयर ऑफ पेरेंट्स और सीनियर सिटिजन (अमेंडमेंट) बिल 2019 को केंद्र सरकार मानसून सत्र की शुरुआत में ही केंद्र सरकार इस बिल को लेना चाहती है। इस बिल का मकसद लोगों को माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों को साथ रखने के लिए प्रेरित करना है। विधेयक में माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों की बुनियादी जरूरतों, सुरक्षा और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के साथ उनके भरण-पोषण और कल्याण का प्रावधान बनाया गया है। श में कोविड-19 महामारी की दो विनाशकारी लहरों के मद्देनजर आया यह प्रावधान संसद द्वारा मानसून सत्र में पारित होने पर वरिष्ठ नागरिकों और अभिभावकों को अधिक शक्ति प्रदान करेगा। इस बिल को संसद में लाने से पहले कई बदलाव किये गये हैं।
जानें इस नियम से संबंधित अहम जानकारी-
- माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक कल्याण विधेयक या वेलफेयर ऑफ पेरेंट्स और सीनियर सिटिजन बिल कैबिनेट ने दिसंबर 2019 में बच्चों का दायरा बढ़ाया गया है। इसमें बच्चे, पोतों (इसमें 18 साल से कम को शामिल नहीं किया गया है) को शामिल किया गया है। इस बिल में सौतेले बच्चे, गोद लिये बच्चे और नाबालिग बच्चों के कानूनी अभिभावकों को भी शामिल किया गया है।
- अगर बिल कानून बन जाता है तो माता-पिता को भरण-पोषण के रूप में 10,000 रुपये देने होंगे। सरकार ने यह राशि माता-पिता के जीवन स्तर और उम्र को ध्यान में रखते हुए तय की है।
- कानून में जैविक बच्चे, गोद लिए हुए बच्चे और सौतेले बच्चे भी शामिल हैं।
-रखरखाव भुगतान का समय भी 30 दिन से घटाकर 15 दिन कर दिया गया है।