बैंक में से उड़ गए पैसे तो तुरंत डायल करे यह नंबर, तुरंत ही होगी कार्यवाही

भारत सरकार द्वारा लॉंच की गई है खास रिपोर्टिग सॉफ्टवेर और हेल्पलाइन नंबर, 2 महीने से कम समय में रोक चुके है लगभग 2 करोड़ की धोखाधड़ी

भारत में बढ़ रहे ऑनलाइन पेमेंट के प्रचलन के बाद से साइबर क्राइम की घटनाओं में भी काफी तेजी देखी जा रही है। साइबर क्राइम करने वाले काफी ओर्गनाईज़ तरीके से लोगों के अकाउंट में से पैसे उड़ा ले जाते है। देश में बढ़ रही साइबर क्राइम की घटनाओं की बढ़ती घटनाओं को देखकर सरकार ने एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। जिससे की साइबर फ़्रौड का शिकार हुये लोग तुरंत ही सहायता प्राप्त कर सके। 
सरकार द्वारा साइबर फ़्रौड का शिकार होने वाले के लिए हेल्पलाइन नंबर 155260 जारी किया गया है। जिस पर फोन कर किसी भी साइबर क्राइम की घटना की शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है। फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चल रहे इस प्रोजेक्ट का अमल अभी मात्र 7 राज्यों में हो रहा है। जिसमें छतीसगढ़, दिल्ली, मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश शामिल है। 
साइबर क्राइम की शिकायत दर्ज होने पर ही तुरंत ही जांच एजंसियों को इस बारे में जानकारी दी जाएगी। इस प्रोजेक्ट में फिलहाल सभी मुखुया सरकारी और निजी बैंक शामिल है। इसके अलावा पेमेंट्स बैंक और ऑनलाइन वालेट भी इस प्रोजेक्ट में शामिल होगी। आने वाले समय में देश के अन्य राज्यों में भी इस प्रोजेक्ट का विस्तरण किया जाएगा। शुरुआत के बाद दो ही महीनों में इस हेल्पलाइन की सहायता से 1.85 करोड़ रुपए की रकम साइबर फ़्रौड्स के पास से वापिस लाई जा चुकी है। 
इस प्रोजेक्ट के तहत जालसाजी की रकम उनके हाथों में जाने से पहले ही बैंको को सूचित कर फ्रिज कर दिये जाते है। फिलहाल भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक, एचडीएफ़सी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक शामिल है। इसके अलावा पेटीएम, फोनपे, मोबिक्विक, फ्लिपकार्ट और अमेज़न जैसे वालेट भी इस प्रोजेक्ट में अपनी सहभागीदारी निभा रहे है। 
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