क्या आप भी हुये हैं साइबर फ्रॉड का शिकार, तो इस नंबर पर कीजिये फोन

भारत सरकार द्वारा लॉंच की गई है खास रिपोर्टिग सॉफ्टवेर और हेल्पलाइन नंबर, 2 महीने से कम समय में रोक चुके है लगभग 2 करोड़ की धोखाधड़ी

देश भर में बढ़ रहे साइबर क्राइम को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा एक बड़ा निर्णय लिया गया है। केन्द्रीय गृहमंत्रालय द्वारा साइबर फ़्रौड के कारण होने वाले नुकसान को रोकने के लिए नेशनल हेल्पलाइन नंबर 155260 और एक रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म लॉंच किया है। जिसके चलते कोई भी अपने साथ हुये साइबर फ़्रौड की शिकायत दर्ज करवा सकेगा।इस सॉफ्टवेयर को 1 अप्रैल 2021 में लॉंच किया गया था। जिसके रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म को आरबीआई, बैंक और वोलेट के मदद से गृहमंत्रालय के अनुसार भारतीय साइबर क्राइम को-ओर्डिनेशन सेंटर से संचालित किया जा रहा है। इस प्लेटफॉर्म और हेल्पलाइन को फिलहाल 7 राज्यों में लागू की गई है। जो की देश की 35 प्रतिशत आबादी को कवर करती है। अनेक राज्यों ने इसकी सहायता लेना शुरू भी कर दिया है। लॉंच होने के बाद अब तक 2 महीने में ही इस सोफ्टवेर के द्वारा 1.85 करोड़ के साइबर फ़्रौड को रोका जा सका है। जिसमें दिल्ली और राजस्थान में से अनुक्रम 58 लाख और 51 लाख के फ़्रौड रोके गए है। इस प्लेटफॉर्म के जरिये बैंक और पुलिस भी सशक्त बन गई है। 
इस प्लेटफॉर्म के जरिये जब भी कोई फ़्रौड होता है तो वह संबंधित बैंक में उसकी जानकारी देता है। जिसके चलते वह बैंक उस पैसे को फ्रिज कर देता है। यदि इसके पहले ही वह पैसे किसी और बैंक अकाउंट या वोलेट में चले गए तो वह उस दूसरी बैंक को जानकारी देता है। इस प्रक्रिया को तब तक चालू रखा जाता है जब तक पैसे वापिस नहीं मिल जाते। फिलहाल इस हेल्पलाइन और रिपोर्टिंग सोफ्टवेर में सरकारी और निजी बैंक शामिल है। जिसमें एसबीआई, पीएनबी, बैंक ऑफ बरोदा, यूनियन बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, इंडसलंद बैंक, एचडीएफ़सी, आईसीआईसीआई, एक्सिस बैंक तथा कोटक बैंक शामिल है। इसके अलावा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे की पेटीएम, फोन पे, मोबिक्विक, फ्लिपकार्ट और अमेज़न भी शामिल है। 
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