देश के सबसे बड़े बैंक SBI की Ecowrap रिपोर्ट में कोरोना की संभावित तीसरी लहर के बारे में ये कहा गया है...

देश के सबसे बड़े बैंक SBI की Ecowrap रिपोर्ट में कोरोना की संभावित तीसरी लहर के बारे में ये कहा गया है...

दैनिक मृत्युदर घटाने और बालकों के टीकाकरण के बारे में सरकार को बनानी होगी नीति, दिल्ली में ऑक्सीज़न की आपूर्ति करवाना भी अति आवश्यक

देश की सबसे बड़ी बैंक SBI ने Ecowrap की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना की तीसरी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बयान दिये है। Ecowrap की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना की यह संभवित तीसरी लहर, दूसरी लहर से भी ज्यादा खतरनाक होगी। हालांकि एसबीआई का कहना है कि तीसरी लहर में हताहतों की संख्या को कम किया जा सकता है, पर इसके लिए गंभीर रूप से बीमार लोगों के इलाज को प्राथमिकता देने, स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी लाने और टीकाकरण की आवश्यकता है।
रिपोर्ट में कहा गया कि तीसरी लहर के दौरान होने वाली मौतों की संख्या को कम करने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करना होगा और गंभीर रूप से बीमार लोगों की संख्या को 20 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करना होगा। इससे मरने वालों की संख्या घटकर 40,000 हो जाएगी। बता दे की मौजूदा लहर में कोरोना से मरने वाली की दैनिक संख्या 1.5 लाख से ज्यादा है। एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, तीसरी लहर का समय अलग-अलग देशों में अलग-अलग हो सकता है, हालांकि विकसित देशों में यह 98 दिनों का होगा। जबकि दूसरी लहर की अवधि लगभग 108 दिन की रही है। कोरोना की यह तीसरी लहर भारत में काफी तबाही मचा सकती है, ऐसा विशेषज्ञों का मानना है। 
 
एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना की इस तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने की संभावना ज्यादा है। जिसके चलते बालकों के टीकाकरण में तेजी लाना काफी जरूरी है। फिलहाल देश में 12-18 आयु वर्ग के 1.5 से 1.7 करोड़ बच्चे हैं। इन बच्चों को कोरोना के खतरे से बचाने के लिए भारत को अन्य विकसित देशों की तरह पहले से ही टीके खरीदने की रणनीति अपनाने की जरूरत है। तीसरी लहर की प्रत्याशा में, एसबीआई ने 2021-22 के लिए देश के आर्थिक विकास के अनुमान को भी घटाकर 7.9 प्रतिशत कर दिया है। पहले यह अनुमान 10.4 फीसदी रखा गया था। 
एसबीआई का कहना है, सरकार को किसी भी संकट से लड़ने के लिए दिल्ली में 200-370 टन ऑक्सीजन का स्टॉक रखना चाहिए। 51 अस्पताल को 250-450 टन ऑक्सीजन स्टोर करने की जरूरत है। 26 अस्पतालों में पहले से ही 500 टन ऑक्सीजन भंडारण की क्षमता है, जिसका उपयोग वे तीसरी लहर के लिए कर सकते हैं। दिल्ली को नियमित रूप से ऑक्सीजन की आपूर्ति करने के लिए, उन्हें आसपास के आपूर्तिकर्ताओं से जुड़ने की जरूरत है। इसके अलावा आईआईटी का भी कहना है कि दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिलर्स की संख्या बढ़ाकर 2,000 सिलेंडर प्रतिदिन करनी होगी।