18 से 45 साल वालों के लिए कोरोना वैक्सिन हेतु शुरू हो गया रजिस्ट्रेशन

18 से 45 साल वालों के लिए कोरोना वैक्सिन हेतु शुरू हो गया रजिस्ट्रेशन

केन्द्र सरकार ने जारी की सूचना के अनुसार करवा लें अपना पंजीकरण

केंद्र सरकार की ओर से 18 वर्ष से अधिक उम्र वालों के लिए वैक्सीनेशन की शुरुआत 1 मई से की जाएगी। इसके रजिस्ट्रेशन के लिए 28 अप्रैल से बुधवार को ऑनलाइन वेबसाइट और पोर्टल शुरू हो गए हैं। जिस पर कि 18 वर्ष से अधिक के लोग आधार कार्ड,मोबाइल नंबर के आधार पर रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। 18 से 45 वर्ष के लोगों के लिए कोविड,आरोग्य सेतु एप्लीकेशन या स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
रजिस्ट्रेशन के आधार पर वैक्सीनेशन के लिए 1 मई से समय देना शुरू किया जाएगा और उन्हें साइट पर वैक्सीनेशन के लिए बुलाया जाएगा। ताकि वैक्सीनेशन सेंटर पर सोशल डिस्टेंस का पालन किया जा सके। देशभर में 15 जनवरी से वैक्सीनेशन चल रहा है 1 मार्च से 18 से 45 वर्ष की उम्र वालों के लिए वैक्सीनेशन चल रहा है। 45 से 60 वर्ष तक के लोगों में एक करोड़ 40 लाख लोगों में से एक करोड़ 22 लाख लोगों को वैक्सीनेशन किया जा चुका है। हालांकि इन लोगों के लिए सरकार की ओर से ऑनलाइन और कोरोना की संबंधित वेबसाइट पर जाने के अलावा रूबरू रजिस्ट्रेशन भी करने की व्यवस्था की गई है। 15,000 से स्थानो पर 6000 साइट पर वैक्सिनेशन दिया जाएगा।
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo: IANS)
1 मई से तीन करोड़ 1000000 से अधिक लोगों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर हॉस्पिटल मिलाकर 15000 स्थान पसंद किए गए हैं। बताया जा रहा है यदि किसी गांव या सोसायटी में सभी लोग 15 से 45 वर्ष के लोग डेढ सप्ताह में ही रजिस्ट्रेशन करा लें तो उन्हें एक ही चरण में वैक्सीनेशन दे दिया जाएगा। गुजरात में वैक्सिन लेने वालों की संख्या में कमी आई है। अप्रैल के तीसरे सप्ताह में यह अभियान धीमा पड़ा है। कर्फ्यू के कारण लोग घरों से निकलना टाल रहे हैं। 
गुजरात में प्रतिदिन वैक्सिन लेने वालों की संख्या अब तक 169000 के करीब थे जो कि 2000 घट के 167000 पर पहुंची है। महाराष्ट्र में कोरोना के सबसे अधिक केस दर्ज हो रहे हैं। महाराष्ट्र में वैक्सिन लेने वालों की संख्या 19 अप्रैल को 376000 थी जो कि 24 अप्रैल को घटकर 325000 हो गई। दिल्ली में यह संख्या  से 60870 से घटकर 36250 पर पहुंच गई है। इसी तरह से उत्तर प्रदेश में भी 191000 से घटकर 1 लाख 81 हजार तक पहुंच गई है। केरल में 156000 से घटकर 124000, छत्तीसगढ़ में 86557 से घटकर 57758 हो गई है। वहीं मध्यप्रदेश में 177000 से घटकर 35870 हो गई।