जानें जनरल रावत ने कपड़ा उद्यमियों से कैसे वस्त्र बनाने की सलाह दी

जानें जनरल रावत ने कपड़ा उद्यमियों से कैसे वस्त्र बनाने की सलाह दी

टेक्निकल टेक्सटाइल पर आयोजित सम्मेलन में विपिन रावत ने रखी अपनी बात

एक टेक्निकल टेक्सटाइल पर आयोजित एक सम्मेलन में उपस्थित चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत ने कपड़ा उद्यमियों को सैनिकों के लिए किस तरह के वस्त्र बनाने है, उस पर सलाह दी थी। विपित रावत ने सम्मेलन में कहा की टेक्निकल टेक्सटाइल में सबसे बड़ी हिस्सेदारी सेना की है। तकनीक की मदद से तैयार होने वाले कपड़ों के सबसे बड़े उपयोगकर्ता है। 
कठिन मौसम में मदद मिले ऐसे कपड़ों की जरूरत
उन्होंने कहा की उन्हें उम्मीद है की उद्यमी जो कि पहले से ही इस क्षेत्र में है। वह उन्हें उस तरह के कपड़े उपलब्ध करवा सकेंगे, जिसकी उन्हें तलाश है। विपिन रावत ने कहा कि कई सैनिक देश की उत्तरी सीमाओं पर सीमा की पहरेदारी करते है। जहां सर्दियों में तापमान शून्य से भी 50 डिग्री नीचे पहुंचा रहता है। इसके अलावा कई जवान रेगिस्तानी इलाकों में भी अपना फर्ज निभाते है। जहां तापमान 55 डिग्री से भी अधिक रहता है। 
दुश्मनों के बीच साथीयों की पहचान करवा सके ऐसे मानक की जरूरत
ऐसे में वह इस तरह के कपड़ों की तलाश में है, जो मौसम के इस चरम में सैनिकों की मदद कर सके। इसके अलावा सशस्त्र बलों के लिए वह ऐसे कपड़ों की तलाश में है, जो दुश्मनों के बीच साथीयों को पहचानने में मदद कर सके। इसके लिए उसमें किसी खास किस्म के मानक, विशेष निशान और विशेष डिज़ाइन हो सकते है। 
विपिन ने कहाँ की अगर उन्हें पता चलता है की कोई चीज उनकी मदद कर सकती है। तो वह सशस्त्र बलों के लिए सभी कपड़ों या तकनीकी आधारित कपड़ों के लिए घरेलू उत्पाद पर ही आधारित रहेंगे और इन वस्तुओं की आयात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा देंगे। 
आपको बता दे की सूरत को आर्मी की तीनों विंग के लिए फैब्रिक बनाने का ऑर्डर मिला है। जिसके अंतर्गत सूरत की विभिन्न मार्केटों में इसका उत्पादन शुरू है। इसके अलावा जल्द ही सूरत सेना की यूनिफ़ोर्म बनाने के लिए भी तैयार है। 

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