
अब से मशहूर हस्तियों के सहारे जनता को बरगलाना नहीं होगा आसान, सरकार ने विज्ञापनों को लेकर जारी किये निर्देश
By Loktej
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कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने माना कि झूठे विज्ञापन दिखाकर उपभोक्ताओं को धोखा दिया जा रहा
आपने टेलीविज़न देखते हुए कई दफा ऐसे विज्ञापन देखें होंगे जिसे देखकर आपके पास अपना माथा पीटने के अलावा कोई चारा नहीं होता। ऐसे विज्ञापन जिसमें कुछ सेलेब्रिटी जिन्हें बड़ी संख्या में लोग फॉलो करते है, कुछ भ्रामक बातें बताते हुए अपना प्रोडक्ट बेचने का प्रयास करते है। ऐसे झूठे और भ्रामक विज्ञापन पर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा झूठे और भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम और ब्रांड एम्बे्सडर्स द्वारा ऐसे विज्ञापन न करने से संबंधित जरूरी दिशानिर्देशों को जारी करने की बहुत सराहना की है।
आपको बता दें कि कैट ने माना कि झूठे विज्ञापन दिखाकर उपभोक्ताओं को धोखा दिया जा रहा और ये भ्रामक विज्ञापन उनकी पसंद को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल द्वारा जारी किए गए नियमों पर कैट ने कहा कि देश के उपभोक्ताओं के व्यापक हित में ऐसे दिशा-निर्देशों की अत्यधिक आवश्यकता थी क्योंकि कॉर्पोरेट कंपनियां और मशहूर हस्तियां पैसे कमाने की लालसा में साथ में ऐसे झूठे विज्ञापन बना रहे हैं।
इस बारे में कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि वर्तमान उपभोक्तावाद युग में, विज्ञापन उत्पाद चुनने में उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी भूमिका निभाते हैं। ऐसे में यह आवश्यक है कि विज्ञापन नकली, भ्रामक या झूठा न हो और साथ ही हस्तियों को भी ब्रांड का समर्थन करते समय बहुत सावधान होना चाहिए। ऐसे बहुत से विज्ञापन हैं जहां सेलिब्रिटी अक्सर उन उत्पादों का विज्ञापन करते हैं जिनका वे खुद कभी उपयोग नहीं करते हैं लेकिन उत्पाद के बारे में झूठे दावे जरूर करते हैं। अब भ्रामक विज्ञापन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 2 (28) के तहत ऐसी कंपनियों पर 10 से 50 लाख तक का जुर्माना लगाया जाएगा। अब तक किसी भी दिशा-निर्देश के अभाव में, उपभोक्ताओं को धोखा देने वाले ऐसे अपराधों पर कभी ध्यान नहीं दिया गया है। किसी भी उत्पाद का ब्रांड एंबेसडर ऐसे उत्पाद के बिक्री तंत्र का एक अभिन्न अंग होता है क्योंकि इसमें व्यावसायिक हित शामिल होते हैं क्योंकि किसी भी उत्पाद का समर्थन करने के एवज में मशहूर हस्तियां भारी मात्रा में पैसा लेती हैं और वे उपभोक्ताओं की पसंद को प्रभावित करते हैं। इसलिए, वे अपने दायित्व से इनकार नहीं कर सकते।
कैट ने पियूष गोएल द्वारा जारी दिशानिर्देश उपभोक्ताओं और राष्ट्र के व्यापक हित में माना हैं। उनका कहना है कि ये नियम महज पैसों के लिए गलत उत्पादों का विज्ञापन करने वाले मशहूर हस्तियों को सावधान करेंगे ताकि इस तरह के विज्ञापनों को रोका जा सके। हालांकि पैसा कमाने के लिए किसी भी वैध गतिविधि का संचालन करना भारत के संविधान द्वारा मान्य है, लेकिन ऐसे मामलों में जहां मशहूर हस्तियां उन उत्पादों के विपरीत विचारों का समर्थन करती हैं जिनका वे महज पैसो के लिए प्रचार कर रही हो कहीं से भी जायज नही है।
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