दिव्यांग बच्चे के साथ दुर्व्यवहार करने के कारण इंडिगो एयरलाइन्स पर लगा पांच लाख का जुर्माना

दिव्यांग बच्चे के साथ दुर्व्यवहार करने के कारण इंडिगो एयरलाइन्स पर लगा पांच लाख का जुर्माना

7 मई को एयरलाइन ने एक लकवाग्रस्त बच्चे को विमान में चढ़ने की अनुमति नहीं दी थी

आपको इंडिगो एयरलाइंस द्वारा एक दिव्यांग बच्चे को प्लेन में चढ़ने से रोकने वाला तो याद ही होगा। अब इस मामले को लेकर इंडिगो पर नागर विमानन महानिदेशालय ने बड़ी कार्यवाही करते हुए भारी जुर्माना लगाया है। आज 28 मई को इंडिगो एयरलाइंस पर विमानन नियामक डीजीसीए द्वारा पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह घटना 7 मई की है जब एयरलाइन ने लकवाग्रस्त बच्चे को विमान में चढ़ने की अनुमति नहीं दी थी, जिसके कारण सोशल मीडिया पर लोगों में आक्रोश फैल गया था। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने भी घटना पर कार्रवाई की।
आपको बता दें कि कंपनी पर आरोप है कि इंडिगो एयरलाइन्स ने लकवाग्रस्त बच्चे को रांची से हैदराबाद जाने वाली फ्लाइट में चढ़ने से रोका। घटना के बाद बच्चे के माता-पिता भी फ्लाइट में नहीं चढ़े।इतना ही नहीं एयरलाइन ने बच्चे के व्यवहार को अन्य यात्रियों के लिए खतरा बताया। इससे पहले विमान कंपनी इंडिगो ने नौ मई को कहा था कि यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए, एक दिव्यांग बच्चे को सात मई को रांची-हैदराबाद उड़ान में सवार होने की अनुमति नहीं दी गई थी क्योंकि वह घबराया हुआ नजर आ रहा था। देश के शीर्ष नियामक, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने एक जांच में कहा कि इंडिगो ग्राउंड स्टाफ बच्चे की निगरानी नहीं कर सका, जिससे बच्चे को उड़ान में चढ़ने से रोक दिया गया।
बच्चे के इलाज के संबंध में 8 मई को एक मीडिया रिपोर्ट के बाद, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य ने खुद मामले पर ध्यान दिया और निष्पक्ष जांच की कसम खाई। मामले की जांच के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का भी गठन किया गया था। फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने इंडिगो के उन कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था जो प्रारंभिक जांच में नियमों का उल्लंघन करने के दोषी पाए गए थे। डीजीसीए ने एक बयान में कहा कि सात मई को रांची हवाईअड्डे पर दिव्यांग बच्चे के साथ इंडिगो के कर्मचारियों का व्यवहार गलत था और इससे स्थिति बिगड़ गई थी।