आम आदमी पर एक और वार, जून में बढ़ सकती हैं इएमआई, आरबीआई ने दिया संकेत
By Loktej
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आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने दी जानकारी, जून में आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक होगी, तो संशोधित मुद्रास्फीति पूर्वानुमान के आंकड़े जारी किए जाएंगे
इन दिनों आम जनता महंगाई की मार झेल रहा है। इसी बीच खबर आई है कि जून में ब्याज दरें और बढ़ सकती हैं। यह संकेत खुद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने दिया। आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा कि जब जून में आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक होगी, तो संशोधित मुद्रास्फीति पूर्वानुमान के आंकड़े जारी किए जाएंगे। रुपये में कमजोरी को लेकर आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा कि रुपये को लगातार कम नहीं होने दिया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरबीआई गवर्नर ने संकेत दिया है कि आरबीआई फिर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी की घोषणा कर सकता है। कई पर्यवेक्षकों का मानना है कि आरबीआई अपनी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में रेपो दर में 25-35 फीसदी की बढ़ोतरी की घोषणा कर सकता है। मौजूदा रेपो रेट 4.40 फीसदी से बढ़ाकर 4.75 फीसदी किया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो लोन लेने वाले कर्जदारों की किस्तें और महंगी हो सकती हैं।
आपको बता दें कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) अप्रैल में 7.79 प्रतिशत रहा, जो आठ साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। महंगाई के इन आंकड़ों ने सरकार से लेकर आरबीआई तक की चिंता बढ़ा दी है। यह वृद्धि आरबीआई के 2022-23 मुद्रास्फीति अनुमान 5.7 प्रतिशत से काफी अधिक है। इसके साथ ही आरबीआई की टॉलरेंस लिमिट 6 फीसदी से ज्यादा हो गई है। माना जा रहा है कि आरबीआई जून में अपनी मौद्रिक नीति समिति की बैठक में 2022-23 के लिए अपने मुद्रास्फीति पूर्वानुमान में बदलाव कर सकता है। मौद्रिक नीति समिति की बैठक 6-8 जून को होनी है।
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