ये है गुड़ी पड़वा पर नीम का रस पीने के फायदे

ये है गुड़ी पड़वा पर नीम का रस पीने के फायदे

आज से चैतरी नवरात्रि का प्रारंभ हो चुका है। साथ ही महाराष्ट्र के लोगों द्वारा आज मराठी नए साल गुड़ी पड़वा की शुरुआत की जा रही है। आज से मराठी समाज के लोगों का नया साल प्रारंभ हो रहा है। इस दिन नीम का रस पीने का एक अनोखा ही महत्व है। तो आइये आज जानते है कि गुड़ी पड़वा पर नीम के रस पीने के आखिर क्या फायदे है। 
गुड़ी पड़वा के पीछे एक प्रचलित दंतकथा है, जिसके अनुसार जब भगवान राम लंका के राजा रावण का वध कर के वापिस आ रहे थे, उस दिन चैत्र सूद एकम थी। अयोध्या में हर कोई घर में तोरण-पताका लगा कर आनंद व्यक्त कर रहा था। जिसके चलते हर साल यह त्यौहार मनाया जाता है। गुड़ी पड़वा के दिन नीम का रस पीने का काफी महत्व है। पूरे चैत्र महीने के दौरान लोग नीम का रस पीना शुभ मानते है। हालांकि इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण भी है। दरअसल गर्मी के मौसम के आते ही कई तरह की त्वचा संबंधी रोग होने की आशंका बढ़ जाती है, नीम इसके संभावना को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा नीम में मौजूद एंटी बैक्टिरियल गुण शरीर के इम्‍यून सिस्‍टम को दुरस्‍त रखने के साथ डाइबिटिज के खतरे को टालता है।
गुड़ी पड़वा के दिन को हिन्दू मुहूर्तों में उन तीन दिनों में देखा जाता है, जिस दिन किसी भी समय काम शुरू किया जा सकता है। इस दिन महाराष्ट्र के घरों में पाँच पांडवो कि प्रतिकृति बनाई जाती है। इसके बाद पित्तल या चांदी के लोटे में नीम कि डाली, कपड़ा, फूलों का हार इत्यादि लगा कर बंद कर उसके ऊपर चाँदी या पित्तल के लोटे को उल्टा रख दिया जाता है। 
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