कोरोना आता-जाता रहेगा, आप बाजार में आने वाली वैक्सिनों की जानकारी जरूर रखियेगा; किशोरों के लिये इस वैक्सीन को मिली है मंजूरी

कोरोनावायरस के खिलाफ सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और नोवोवेक्स द्वारा बनाई गई वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दी

भारत में कोरोना संक्रमण अब धीरे-धीरे कम होता दिख रहा है। देश भर में बढ़ रहे टीकाकरण की बढ़ती दर के कारण संक्रमण और भी तेजी से कम हो रहा है। व्यसकों के अलावा अब किशोरों को भी टीका लग रहा है। 15 से 18 साल की उम्र के अधिकतर छात्रों को टीका लग जाने के बाद अब 12 से 15 साल की उम्र के लोगों के लिए टीकाकरण शुरू किया गया है। जिनके लिए भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और नोवावेक्स द्वारा 'कोवोवेक्स' वैक्सीन का उत्पादन किया जा रहा है। यह पहला प्रोटीन आधारित टीका है। 
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया द्वारा 12 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों को कोरोनावायरस के खिलाफ इस टीके के आपातकालीन इस्तेमाल को अनुमति दी है। मंगलवार को SII तथा नोवावेक्स ने घोषणा की है कि, डीजीसीआई द्वारा NVX-Cov2373 नामक टीके को अधिकृत किया गया है। नोवावेक्स के प्रेसिडेंट और सीईओ स्टेनली सी एर्के ने बताया कि किशोरों के लिए इस टीके की अनुमति हासिल करने पर वह काफी गर्व महसूस कर रहे है। कोवोवेक्स के पहले देश में 12 साल से अधिक के बालकों के लिए तीन टीके है। फिलहाल इस देश में E's Corbevax, झायडस केदिला की ZyCoV-D और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का इस्तेमाल होता है। 
इसके पहले फरवरी में नोवावेक्स ने बताया कि उनकी वैक्सीन 80 प्रतिशत तक असरकारक है। भारत में 12 से 17 साल के 2247 बालकों पर इस टीके का परीक्षण किया था। जिस दौरान उस पर सकारात्मक प्रतिभाव मिला था। नोवोवेक्स प्रोटीन आधारित पहला टीका है । टीके के परीक्षण का आखिरी चरण पिछले महीने ही किया गया था। नोवोवेक्स द्वारा बताया गया कि उनका टीका वायरस के खिलाफ 80 प्रतिशत तक प्रभावी है। परीक्षण के दौरान टीके ने काफी अच्छी रोगप्रतिकारक प्रतिक्रिया उत्पन्न करने में सक्षम रही थी।