स्वच्छ जल पिएं; दुनिया में गंदे पानी के सेवन से साल भर में लाखों लोग टाइफोइड का शिकार होते हैं

स्वच्छ जल पिएं; दुनिया में गंदे पानी के सेवन से साल भर में लाखों लोग टाइफोइड का शिकार होते हैं

धरती पर 75 प्रतिशत पानी होने के बावजूद विश्व के कई देश पानी की कमी का सामना कर रहे है। विश्व के कई देश और कई शहर ऐसे है, जहां लोगों को पीने के पानी के लिए कई मीलों तक पैदल चलकर जाना पड़ता है। इसके बावजूद कई बार उन्हें स्वच्छ पानी नहीं मिल पता है। इस बारे में संयुक्त राष्ट्र की और से इस बारे में लोगों को लगातार चेतावनी दी गई है। यूएन के रिपोर्ट के अनुसार, विश्व में 79 करोड़ लोगों को पीने के लिए जरूरत के अनुसार पानी नहीं मिल रहा है। हर साल गंदे पानी के कारण विश्व में लाखों लोग टाइफोइड की चपेट में आते है। 
यूएन की 2006 की एक रिपोर्ट के अनुसार, लोगों की जरूरत पूर्ण करने के लिए जितना पानी उपलब्ध है वह भ्रष्टाचार और खामियों के कारण लोगों तक पहुँच नहीं पा रहा है। रिपोर्ट में ब्यूरोक्रेसी की नियत पर भी प्रश्न उठाए गए थे। संयुक्त राष्ट्र के एक अंदाज के अनुसार साल 2050 तक विश्व की जनसंख्या 9 से 10 अरब के बीच होगी। इस स्थिति में लोगों को पीने का पानी उपलब्ध करवाना भी लोगों के लिए एक बड़ा सवाल बन जाएगा। पानी की इस समस्या का एक सबसे बड़ा कारण क्लाइमेट चेंज भी है। जिसके लिए लगातार लोगों को चेतावनी दी जा रही थी। 
भारत सहित विश्व के कई देशों ने क्लायमेट चेंज के बारे में विभिन्न कदम उठाए गए थे। यूएन के अनुसार, पानी का जो इस्तेमाल हुआ है उसमें से 67 प्रतिशत पानी का इस्तेमाल सिंचाई के लिए, 22 प्रतिशत हिस्सा घरेलू काम के लिए और 11 प्रतिशत हिस्सा उद्योगो में इस्तेमाल किया जाता है। भारत सहित चीन, अमेरिका, पाकिस्तान, ईरान, बांग्लादेश, मेक्सिको, सऊदी अरब, इंडोनेशिया और इटली मिलकर विश्व के 72 प्रतिशत पानी का इस्तेमाल कर रहे है। 
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