सर्वे के अनुसार भारत के 87 प्रतिशत पुरुष मानते हैं कि पत्नी को पति का कहना मानना चाहिए; आप क्या कहते हैं

अधिकांश पुरुषों ने माना महिलाओं को मिलना चाहिए सामान अधिकार, एक चौथाई भारतीयों ने कहा कि पुरूषों में महिलाओं के तुलना में बेहतर नेता बनने की प्रवृत्ति

भारत में पति-पत्नी के रिश्ते को बहुत अहम और बहुत खास माना जाता है। इस देश में पति को परमेश्वर का दर्ज़ा मिला है और इसी के लिए उनके पास कुछ विशेषाधिकार है। हालांकि आज के समय ये परिस्थिति काफी हद तक बदल गई है। आज के समय में पति और पत्नी को बराबर का अधिकार है। हालांकि हाल ही में जारी एक रिसर्च सेंटर की नयी रिपोर्ट की माने तो ज्यादातर भारतीय इस बात से पूरी तरह या काफी हद तक सहमत हैं कि पत्नी को हमेशा ही अपने पति का कहना मानना चाहिए। एक अमेरिकी थिंक टैंक के एक हालिया अध्ययन में यह कहा गया है कि भारतीय घर और समाज में लैंगिक भूमिकाओं को कहीं अधिक सामान्य रूप से देखते हैं।
आपको बता दें कि लगभग तीस हजार भारतीय वयस्कों के बीच 2019 के अंत से लेकर 2020 की शुरूआत तक किये गये अध्ययन पर आधारित इस रिपोर्ट में कहा गया है, भारतीय वयस्कों ने तकरीबन सबने कहा कि महिलाओं को पुरूषों के समान अधिकार होना जरूरी है। जबकि कुछेक को लगता है कि कुछ विशेष परिस्थितियों में पुरुषों को वरीयता मिलनी चाहिए। इसमें कहा गया है, करीब 80 प्रतिशत इस विचार से सहमत हैं जब कुछ ही नौकरियां है तब पुरूषों को महिलाओं की तुलना में नौकरी करने का अधिक अधिकार है।
इतना ही नहीं इस रिपोर्ट में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज जैसी नेताओं का जिक्र करते हुए इसमें कहा गया है कि भारतीयों ने राजनेता के तौर पर महिलाओं को व्यापक स्तर पर स्वीकार किया है। ज्यादातर पुरुषों ने दोनों वर्ग को नेता के रूप में समान रूप सक्षम माना। वहीं, सिर्फ एक चौथाई भारतीयों ने कहा कि पुरूषों में महिलाओं के तुलना में बेहतर नेता बनने की प्रवृत्ति होती है।
अध्ययन के मुताबिक, ज्यादातार भारतीयो पुरुष और महिलाओं द्वारा कुछ पारिवारिक जिम्मेदारी साझा करने के पक्ष में रहे जबकि वहीं कई लोग अब भी परंपरागत लैंगिक भूमिकाओं का समर्थन करते हैं।