26 जनवरी : आज देश मना रहा हैं अपना 73वां गणतंत्रता दिवस, जानिए कब और कैसे मनाया गया था पहला गणतंत्रता दिवस

26 जनवरी : आज देश मना रहा हैं अपना 73वां गणतंत्रता दिवस, जानिए कब और कैसे मनाया गया था पहला गणतंत्रता दिवस

इसी दिन क्यों मनाया जाता है हमारा गणतंत्र दिवस? क्यों है ये दिन विशेष

आज पूरा देश 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत के लिए 26 जनवरी का दिन काफी अहम है। देश में हर साल इस दिन गणतंत्र दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। आज का दिन इसलिए विशेष है इसके पीछे दो विशेष कारण है। पहला कि आज के ही दिन साल 1950 में भारत का संविधान लागू किया गया था। भारत का संविधान संविधान 26 नवंबर 1949 को ही संविधान सभा ने अपनाया था और 26 जनवरी 1950 को संविधान को लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था। इस कारण इस दिन को गणतंत्र दिवस के तौर पर घोषित कर दिया गया। 
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मानाने के पीछे जो दूसरा कारण ये है कि आजादी के संग्राम के समय 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। 15 अगस्त 1947 को आजादी मिलने तक 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता था। इसी कारण से इस दिन को गणतंत्रता दिवस के रूप में चुना गया था। 

कब मनाया गया था पहला गणतंत्र दिवस
पहली बार गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को मनाया गया था। देश के पहले राष्ट्रपति डॉ। राजेंद्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के साथ ध्वजारोहण किया था और भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया था। 26 जनवरी 1950 की सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर भारत गणतंत्र बना था। ठीक 6 मिनट बाद यानी 10 बजकर 24 मिनट बाद डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली। फिर दोपहर 2 बजकर 30 मिनट पर राजेंद्र प्रसाद बग्घी में सवार होकर राष्ट्रपति भवन से निकले थे। कनॉट प्लेस जैसे इलाकों से होते हुए राष्ट्रपति 3 बजकर 45 मिनट पर नेशनल स्टेडियम पहुंचे. तब नेशनल स्टेडियम को इरविन स्टेडियम कहा जाता था।

किसने लिखा है देश का संविधान
देश की आजादी के बाद भारतीय संविधान का गठन हुआ था। इस काम में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था। इस काम के लिए भारत की संविधान सभा का  गठन किया गया था। जवाहरलाल नेहर, डॉ। भीमराव अंबेडकर, डॉ। राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे। हमारा संविधान विश्वक का सबसे लंबा लिखित संविधान है। मसौदा लिखने वाली समिति ने संविधान हिंदी, अंग्रेजी में हाथ से लिखकर कैलिग्राफ किया था और इसमें कोई टाइपिंग या प्रिंटिंग शामिल नहीं थी। बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर को संविधान निर्माता कहा जाता है लेकिन बाबा साहब के अलावा देश के संविधान के निर्माण में 210 लोगों का हाथ था। संविधान की असली कॉपी प्रेम बिहारी नारायण रायजादा द्वारा लिखी गई थी। संविधान की असली प्रतियां हिंदी और इंग्लिश दो भाषाओं में लिखी गई थीं। आज भी भारत की संसद में हीलियम भरे डिब्बों में सुरक्षित तरीके से रखा गया है।
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