
कोरोना : आईसीएमआर ने मोलनुपिरवीर को कोविड के लिए उपयोगी दवाइयों की सूची से हटाया
By Loktej
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पिछले हप्ते ही मिली थी इस दवा को मजूरी, इस दवा के उपयोग से फायदे से अधिक नुकसान
देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण का संकट छाया हुआ है। कोरोना की तीसरी लहर में कुछ ही दिनों से रोजाना संक्रमितों का ग्राफ डेढ़ लाख को पार कर रहा है। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकार को तेजी से बढ़ रहे ओमिक्रॉन और कोविड संक्रमण के मरीजों में इलाज को लेकर चिंता सता रही है। ऐसे में अब इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने हाल ही में कोविड की दवा के रूप में मंजूर हुई मोलनुपिरवीर को लेकर एक अहम फैसला करते हुए मोलनुपिरवीर को क्लीडनिक मैनजमेंट प्रोटोकॉल से हटाने का फैसला लिया है।
आपको बता दें कि टाइम्सा ऑफ इंडिया की जानकारी के अनुसार भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने के नेशनल कोरोना टॉस्कब फोर्स ने मोलनुपिरवीर को कोविड के लिए उपयोगी दवाइयों की सूची से हटा दिया है। इसका मतलबअब मोलनुपिरवीर कोरोना उपचार के लिए निर्धारित की गई दवाओं की सूची से बाहर हो गई है। अंग्रेजी अखबार ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। दरअसल सोमवार को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के नेशनल कोरोना टॉस्कर फोर्स की आयोजित बैठक में फोर्स के विशेषज्ञों ने मोलनुपिरवीर से जुड़ी स्वाास्य्पर चिंताओं पर चर्चा की। लम्बी बातचीत के बाद मोलनुपिरवीर को क्लीमनिक मैनजमेंट प्रोटोकॉल से हटाने का फैसला लिया गया है।
गौरतलब है किड्रग रेगुलेटर जनरल इंडिया ने एंटीवायरल दवा और वायरल म्यूटेनेसिस द्वारा SARS-CoV-2 को रोकने में सक्षम मोलनुपिरवीर को कोरोना रोधी गोली के आपातकालीन प्रयोग के लिए 28 दिसंबर को ही मंजूरी दी थी। इस दवा को क्लीननिक मैनजमेंट प्रोटोकॉल से हटाने के पीछे का मुख्य कारण इसके उपयोग से होने वाले नुकसान है। मोलनुपिरवीर मनुष्यों की तेजी से विभाजित कोशिकाओं को प्रभावित कर सकता है। इससे पुरुष में प्रजनन अंगों की कोशिकाएं, गर्भवती महिलाओं में भ्रूण, युवा वयस्कों और बच्चों की हड्डी डैमेज हो सकती है। हालांकि ICMR की तरफ से कोरोना उपचार के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल से हटाए जाने के बाद भी मोलनुपिरवीर की ब्रिीक्री बंद नहीं की जाएंगी। यह डॉक्टररों के परामर्श से उपलब्धन होगी।
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