पैदा होने पर लोगों ने फेंक देने को कहा था, आज 30 साल से भी कम उम्र में अंध होने के बावजूद खड़ा किया है करोड़ों का बिजनेस

पैदा होने पर लोगों ने फेंक देने को कहा था, आज 30 साल से भी कम उम्र में अंध होने के बावजूद खड़ा किया है करोड़ों का बिजनेस

मेरिका के शीर्ष प्रौद्योगिकी स्कूल MIT में चुने जाने वाले पहले अंतर्राष्ट्रीय छात्र बने थे श्रीकांत

कहते है जिंदगी में कोई भी मुकाम हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प जरूरी है। आंध्रप्रदेश के श्रीकांत बोला ने यह बात सच साबित की है। श्रीकांत ने अपनी मेहनत के बलबूते ना मात्र अपना बिजनेस खड़ा किया है, पर उसे एक नई ऊंचाई पर भी पहुंचाया है। आज कई लोग उनकी कहानी से प्रोत्साहित हो रहे है, श्रीकांत की कहानी सुनने में किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं लगेगी, हालांकि यह बिलकुल सच है। जन्मसे ही नेत्रहीन श्रीकांत ने मात्र 29 साल की उम्र में अपना करोड़ों का बिजनेस खड़ा किया है। 
श्रीकांत का जन्म 1992 में आंध्रप्रदेश के एक किसान परिवार में हुआ था। वह जन्म से ही दृष्टिहिन था। लोगों ने उसके माता-पिता को उसे अनाथाश्रम भेजने का सुझाव दिया। हालांकि उसके माता-पिता ने हमेशा ही उसका साथ दिया था। कई बार शिक्षकों और सहाध्यायी उसे काफी चिढ़ाते थे। हालांकि उसमें कुछ अलग करने की हमेशा से इच्छा थी। इसके बलबूते आज वह एक्स सफल कंपनी का मालिक बने है। श्रीकांत विज्ञान पढ़ना चाहते थे, लेकिन इसके लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। किसी तरह उन्होंने विज्ञान का अध्ययन किया। वह पढ़ने में बहुत अच्छे थे उसे 12वीं में बोर्ड में 98 फीसदी अंक मिले थे। नतीजा देख हर कोई हैरान था। इसके बाद उन्होंने आईआईटी की तैयारी शुरू की। इस दौरान कोचिंग सेंटर ने उन्हें एडमिशन देने से मना कर दिया। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उचित मार्गदर्शन के अभाव में वे IIT नहीं जा सके, लेकिन आज IIT के छात्र उन्हें अपना आदर्श मानते हैं।
IIT में प्रवेश पाने में असमर्थ, श्रीकांत ने अमेरिका के शीर्ष प्रौद्योगिकी स्कूल MIT के लिए आवेदन किया और नेत्रहीन चुने जाने वाले पहले अंतर्राष्ट्रीय छात्र बन गए। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, वह एक आरामदायक जीवन जी सकते थे। लेकिन उन्होंने भारत लौटने का फैसला किया और अपनी खुद की कंपनी शुरू की। उन्होंने 9 साल पहले बोलेंट इंडस्ट्रीज की शुरुआत की थी। उनकी प्रतिभा को देश के प्रमुख व्यवसायी रतन टाटा ने पहचाना और उन्होंने अपनी कंपनी में निवेश किया। पैकेजिंग सॉल्यूशंस बनाने वाली Bolant Industries का जोरदार विकास जारी है। कंपनी रुपये जुटाने की योजना बना रही है। 150 करोड़ रुपये का कारोबार किया। श्रीकांत की कंपनी में 5 मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं और कंपनी में 650 से ज्यादा लोग काम करते हैं। इनमें से लगभग आधे लोग विकलांग वर्ग से आते हैं।
उनकी प्रतिभा को देश के प्रमुख व्यवसायी रतन टाटा ने पहचाना और उन्होंने अपनी कंपनी में निवेश किया। पैकेजिंग सॉल्यूशंस बनाने वाली Bolant Industries का जोरदार विकास जारी है। कंपनी रुपये जुटाने की योजना बना रही है। 150 करोड़ रुपये का कारोबार किया। श्रीकांत की कंपनी में 5 मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं और कंपनी में 650 से ज्यादा लोग काम करते हैं। इनमें से लगभग आधे लोग विकलांग वर्ग से आते हैं।

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