क्या आज भी धडक रहा है श्रीकृष्ण का दिल, हजारों साल पुराने इस रहस्य को जानकर हो जाओगे आश्चर्यचकित

क्या आज भी धडक रहा है श्रीकृष्ण का दिल, हजारों साल पुराने इस रहस्य को जानकर हो जाओगे आश्चर्यचकित

अर्जुन द्वारा अंतिम संस्कार के बाद भी भस्म नहीं हुआ था भगवान कृष्ण का हृदय

देश भर में कुछ ही दिन पहले जन्माष्टमी का त्योहार मनाया गया। जन्माष्टमी के पावन पर्व पर हर किसी ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को पूरी श्रद्धा के साथ मनाया। पर क्या आपको पता है, महाभारत के युद्ध में पांडवो की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले और दुनिया को धर्म के मार्ग पर आने वाले श्रीकृष्ण का हृदय आज भी धडक रहा है। माना जाता है कि महाभारत के युद्ध के 36 साल बाद जब श्रीकृष्ण एक पेड़ के नीचे ध्यानमग्न थे तभी एक शिकारी ने उनके पैरों को हिरण का मुंह समझ कर तीर छोड़ दिया था। 
जैसे ही शिकारी को अपनी भूल का आभास हुआ वह तुरंत ही कृष्ण के पास पहुंचा और उनसे क्षमायाचना करने लगा। पर श्रीकृष्ण ने उसे समझाते हुए कहा कि यह सब उनकी ही लीला है। इसी तरह से उन्हें पृथ्वी का त्याग करना था, क्योंकि त्रेतायुग में उन्होंने सुग्रीव के बड़े भाई बाली को इसी तरह से छिप कर मारा था। उसी कि सजा आज उन्हें मिली है। इतना कहकर श्रीकृष्ण ने अपना शरीर त्याग दिया और तभी से कलियुग शुरू हुआ। जब अर्जुन को पता चला की श्रीकृष्ण और बलराम दोनों ने अपने शरीर का त्याग कर दिया है तो उन्होंने द्वारका में दोनों का अंतिम संस्कार किया। 
हालांकि अंतिम संस्कार के बाद श्रीकृष्ण का पूरा शरीर तो जलकर भस्म हो गया पर उनका हृदय भस्म नहीं हुआ था। भगवान का हृदय इसके बाद अवन्तिकापूरी के राजा इंद्रद्युम्ना को पानी में स्नान करते समय मिला। जैसे ही उन्होंने उसका स्पर्श किया उन्हें भगवान विष्णु की आवाज सुनाई दी। भगवान विष्णु ने राजन को कहा कि यह उनका हृदय है, जो कि जमीन पर हमेशा धड़कता ही रहेगा। इसके बाद राजन ने उस हृदय की स्थापना जगन्नाथजी की मूर्ति के पास मंदिर में ही कर दी।
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