देश भर में स्कूलों को फिर से खोलने को मुद्दे को लेकर आईसीएमआर ने कही ये महत्वपूर्ण बात

देश भर में स्कूलों को फिर से खोलने को मुद्दे को लेकर आईसीएमआर ने कही ये महत्वपूर्ण बात

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) का कहना पहले प्राइमरी स्कूल और फिर सेकेंडरी स्कूल खोले जा सकते हैं

देश में कोरोना के असर के कम होने और कोरोना के लिए टीकाकरण के उपलब्ध होने बाद अब जब सरकार ने लगभग हर क्षेत्र को लॉकडाउन में छूट दे दी है तो अब धीरे-धीरे स्कूलों को भी खोलने की बात चल रही है। ऐसे में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने ऐसा कहा कि पहले प्राइमरी स्कूल और फिर सेकेंडरी स्कूल खोले जा सकते हैं। हालांकि यह फैसला जिला और राज्य स्तर पर लिया जाएगा और कई बातों पर निर्भर करेगा।
आपको बता दें कि आईसीएमआर के डीजी डॉक्टर बलराम भार्गव ने कहा कि छोटे बच्चे इस वायरस को आसानी से संभाल सकते हैं। उनके फेफड़ों में रिसेप्टर्स की कमी होती है जहां वायरस जाता है। CIRO के सर्वेक्षण में पाया गया कि 6 से 9 वर्ष की आयु के बच्चों में वयस्कों के समान ही एंटीबॉडीज थे। डॉ भार्गव ने कहा कि कई यूरोपीय देशों में प्राथमिक स्कूल बंद नहीं थे। उन देशों में कोरोना की किसी भी लहर में स्कूल बंद नहीं थे। तो हमारी राय है कि पहले प्राइमरी स्कूल खोले जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसके बाद माध्यमिक विद्यालय खोले जा सकते हैं। लेकिन यह देखना जरूरी है कि शिक्षक से लेकर सभी सपोर्ट स्टाफ को पूरी तरह से टीका लगाया जाए। हालांकि यह फैसला जिला और राज्य स्तर पर लिया जाएगा। यह कई कारकों पर निर्भर करेगा। स्कूल से जुड़े सभी लोगों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे टीका लगवाएं, परीक्षण सकारात्मकता दर क्या है और सार्वजनिक स्वास्थ्य की स्थिति क्या है।
वहीं एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने भी सलाह दी कि जिन जिलों में कोरोना संक्रमण कम हुआ है, वहां अलग-अलग चरणों में स्कूल खोले जा सकते हैं। डॉ गुलेरिया ने कहा कि 5% से कम संक्रमण दर वाले जिलों में स्कूल खोलने की योजना बनाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि बच्चों को स्कूलों में लाने के लिए विकल्प तलाशे जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों में भी वायरस के खिलाफ अच्छी प्रतिरोधक क्षमता होती है।
गौरतलब है कि स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि 6 साल से अधिक उम्र की लगभग एक तिहाई आबादी को कोरोना का खतरा है। हर तीन में से एक व्यक्ति को इससे खतरा है। यानी देश में करीब 40 करोड़ लोगों को कोरोना का खतरा है। CIRO के सर्वे में पाया गया कि दो तिहाई आबादी में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी बन चुकी है।