हैरतअंगेज: इस जगह मोटे पेट वाले आदमी को माना जाता है सबसे सुंदर

हैरतअंगेज: इस जगह मोटे पेट वाले आदमी को माना जाता है सबसे सुंदर

सबसे मोटे आदमी को मिलती है हीरो की उपाधि, लड़कियों के बीच रहता है क्रेज़

अगर आपको लगता है कि सिक्स-आठ पैक एब्स बनाने से ही लड़कियों सम्मोहित होती है और आप अन्य लोगों की तरह ही जिम में सिर्फ युवतियों को प्रभावित करने के लिए बॉडी बनाते हैं, तो ये खबर आपके लिए है। लड़कियां क्या चाहती हैं ये साफ साफ बता पाना असान नहीं है। इनकी पसंद-नापसंद बदलती रहती है। कुछ युवतियां पैसे से युवक की ओर आकर्षित होती हैं तो कुछ युवतियां अच्छे लुक्स की ओर आकर्षित होती हैं। लेकिन आज हम जिस जनजाति के बारे में बताने जा रहे हैं उस समाज में पुरुषों का पेट बाहर होना हैंडसम कहा जाता है।
हम बात कर रहे हैं इथियोपिया के सुदूर इलाके ओमो वैली में रहने वाली एक बोडी जनजाति की। हर साल इस जनजाति में एक प्रतियोगिता आयोजित की जाती है जो होती है मोटे आदमी की प्रतियोगिता। इसमें जो जीत जाता है वह गांव का सबसे खूबसूरत व्यक्ति माना जाता है। वहीं उस मोटे आदमी से शादी करने को लेकर लड़कियों के बीच मारपीट भी होती है। इस प्रतियोगिता को जीतने के लिए जनजाति के पुरुष 6 महीने पहले से तैयारी शुरू कर देते हैं। वे मोटापे को अधिकतम करने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं।
(Photo : gstv.in)
आपको बता दें कि आदिवासी मोटा व्यक्ति बनने के लिए तैयारी करना बहुत कठिन है। इसके लिए लोग 6 महीने पहले से ही तैयारी करने लगते हैं। इनमें से गाय का खून और दूध पीना सबसे अच्छा माना जाता है। कहा जाता है कि इसकी वजह से पेट और आसपास के क्षेत्र में तेजी से चर्बी जमा हो जाती है। इसके साथ ही पुरुष प्रतियोगिता से 6 महीने पहले अलग-अलग झोंपड़ियों में रहने लगते हैं। इस दौरान उन्हें सेक्स करने की इजाजत नहीं होती है। वे केवल गाय का खून और दूध पीकर अपना जीवन यापन करते हैं।
युवतियों को अपनी ओर आकर्षित करने का यह एक सुनहरा अवसर है। पुरुषों को जल्द से जल्द खून में मिला हुआ दूध पीना पड़ता है। वे जहां रहते हैं वहां कई खतरनाक बीमारियां फैलने का खतरा है। लेकिन ये लोग बिना घबराए खून में मिला हुआ दूध पीते हैं। हालांकि, कुछ ऐसा नहीं कर पाते और उल्टी कर देते हैं। झोंपड़ी में 6 महीने बिताने के बाद वह प्रतियोगिता के दिन अपने भारी शरीर के साथ सबके सामने आते हैं। जो जितना मोटा, वो उतना सुन्दर। इसके बाद गांव वाले अपने बीच के मोटे आदमी को हीरो की उपाधि देते हैं।
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