बरसात में इस तरह से करे पैरों की देखभाल

बरसात में इस तरह से करे पैरों की देखभाल

बारिश के दौरान खुले पैर वाले सेंडिल तथा चप्पल पहनना अधिक फायदेकारक

जून का महिना खतम होने जा रहा है और देश भर में बारिश की मौसम पूरी तरह से शुरू हो चुकी है। बारिश शुरू होते ही आपको अपनी सेहत का खास ध्यान रखना पड़ता है। बदले हुये वातावरण के कारण व्यकित की तबीयत बिगड़ने के काफी ज्यादा संभावना बनी रहती है। इन सबके अलावा बारिश के मौसम में व्यकित के पैरों को भी काफी नुकसान पहुंचता है। बरसात के मौसम बारिश के कारण पानी से लबालब भरी सड़कें, ठंडे वातावरण और सीलन के कारण व्यक्ति के पैरों को काफी नुकसान पहुंच सकता है। जिसके कारण पैरों में दाद, खुजली और लाल चकत्ते पड़ने की समस्या लोगों में आम हो जाती है। इसलिए व्यक्ति को अपने पैरों का खास ध्यान रखना पड़ता है। 
बारिश के मौसम में पैरों को देखभाल की ज्यादा जरूरत होती है। हालांकि कुछ सावधानियाँ बरत कर और आयुर्वेदिक उपचारों की मदद से पांव और उंगलियों के संक्रमण से होने वाले रोगों से बचा जा सकता है। बरसात के मौसम के दौरान खुले सैंडिल पहनना ज्यादा उपयोगी होता है, क्योंकि इससे पैरों में हवा लगती रहती है। पसीने को सूखने में भी मदद मिलती है, लेकिन खुले फुटवियर की वजह से पैरों पर गंदगी तथा धूल जम जाती है, जिससे पैरों को नुकसान पहुंच सकता है।
बारिश के समय पैरों की देखभाल करने के लिए कुछ खास बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। जैसे की सुबह नहाते समय पैरों की सफाई पर खास ध्यान देना चाहिए। नहाने के बाद पैरों को धोने के बाद उन्हें अच्छी तरह सूखने देना चाहिए। पैरों की उंगलियों के बीच टैलकम पाउडर का छिड़काव करना चाहिए। दिनभर की थकान के बाद घर पहुंचने पर ठंडे पानी में थोड़ा सा नमक डालकर पैरों को अच्छी तरह भिगोकर उसे अच्छी तरह से सूखने देना चाहिए। 
इसके अलावा व्यक्ति को फुट सोक्स पहनने चाहिए। इसके अलावा बाल्टी में एक चौथाई गर्म पानी, आधा कप खुरखुरा नमक, दस बूंदे नींबू रस या संतरे का सुंगधित तेल डालें। अगर आपके पैर से ज्यादा पसीना निकलता है तो कुछ बूंदें टी ट्री-ऑयल की मिलाएं, क्योंकि इसमें रोगाणु रोधक तत्व मौजूद होते हैं। साथ ही यह पैर की बदबू को दूर करने में भी मदद करती है। इस मिश्रण में 10-15 मिनट तक पैरों को भिगोकर सुखा लें।