मात्र 50 रुपए के उपकरण से मिल सकेगी बेजुबानों को आवाज, इस भारतीय डॉक्टर ने की अनोखी शोध

मात्र 50 रुपए के उपकरण से मिल सकेगी बेजुबानों को आवाज, इस भारतीय डॉक्टर ने की अनोखी शोध

गले के कैंसर के ऑपरेशन के कारण अपना आवाज खो चुके लोगों के लिए वरदान रूप यंत्र

दुनिया में डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप माना जाता है। जिस तरह किसी को भी जीवन देने की शक्ति मात्र भगवान के पास होती है, वैसे ही डॉक्टर भी मरीज को ठीक कर उसे नया जीवन प्रदान करते है। जिसके चलते उन्हें भी भगवान तुल्य माना जाता है। एक ऐसा ही नाम है डॉक्टर विशाल राव, जिन्होंने एक ऐसा डिवाइस बनाया है जिसकी सहायता से गले के कैंसर से बेजुबान हुये लोगों को भी जबान मिल सके।
भारत में हर साल कई लोग गले के कैंसर का शिकार होते है और दुर्भाग्य से यह आंकड़ा बढ़ते ही जा रहा है। इस बीमारी में अंत में मरीज को गले का ऑपरेशन करवाना पड़ता है। जिसमें मरीज के गले से वॉइस बॉक्स निकालना पड़ता है। जिसके कारण मरीज अपनी बोलने की शक्ति खो देता है। बोलने की क्षमता खो जाने के बाद व्यकित की ज़िंदगी काफी बदल जाती है। डॉक्टर विशाल राव ने भी ऐसे कई मरीज देखे। वह कहते है की ऐसी परिस्थिति में जो व्यक्ति आर्थिक रूप से मजबूत है वह तो किसी तरह अपना जीवन निकाल लेते है। पर गरीब लोगों के लिए यह काफी मुश्किल होता है। इस लिए उन्होंने कुछ ऐसा करने की सोची जिससे की वह इन लोगों की मदद कर सके।
गले के कैंसर के बाद आवाज जाने के बाद लोग एक डिवाइस की सहायता से अपनी आवाज वापिस पा सकते थे। हालांकि यह बहुत महंगा था, इसलिए साल 2016 में डॉक्टर विशाल ने एक ऐसा डिवाइस बनाने का विचार किया जो की इन लोगों की मदद कर सके। जिसके लिए उन्होंने रबर फेक्टरी के मालिक शशांक से अपने डिवाइस के बारे में बात की। इसके बाद इन दोनों ने मिलकर कई इंजीनियरॉन से बात की और वह हर मुमकिन कोशिश की, जिससे की वह ऐसा डिवाइस बना सके जो लोगों की मदद कर सके और साथ में सस्ता भी हो। आखिर दो साल के बाद उन्होंने अपना पहला प्रोटोटाइप तैयार किया। 
प्रोटोटाइप बनाते ही उन्होंने उसका क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया। जब वह सफल हुआ तो विशाल और शशांक ने इसका फाइनल मॉडल तैयार किया। जिसे बनाने के बाद 'ॐ' नाम दिया गया। उनका यह डिवाइस एक छोटा सा यंत्र है जो कैंसर के मरीजों में ऑपरेशन के बाद अन्ननाली और श्वासनाली के बीच में आए गैप को भरने का काम करती है। इसे लगाना काफी आसान है और एक बार लगाने के बाद यह 6 से 12 महीनों तक काम करती है। विशाल और उनकी टीम अब तक 300 से भी अधिक लोगों को यह डिवाइस दे चुकी है। वह कई लोगों से डोनेशन लेते है, जिसके चलते वह अधिक से अधिक लोगों क यह डिवाइस पहुंचा सके। बता दे की डॉक्टर विशाल द्वारा बनाए इस यंत्र की लागत मात्र 50 रुपए है।