कोरोना संक्रमितों को पहचानेंगे कुत्ते, अन्य टेस्ट की अपेक्षा परिणाम भी चौकस

कोरोना संक्रमितों को पहचानेंगे कुत्ते, अन्य टेस्ट की अपेक्षा परिणाम भी चौकस

आरटीपीसीआर टेस्ट की अपेक्षा ज्यादा सफलता दर होने का दावा, आरटी-पीसीआर जांच करने वाले जांचकर्ताओं का दबाव होगा कम

कोरोना बिमारी को लेकर देश और दुनिया में रोज नए-नए प्रयोग किए जा रहे है। ऐसे में कोरोना संक्रमित मरीजों का पता लगाने के लिए डॉग टेस्ट की बात सामने आ रही है। इस टेस्ट में कुत्ता मनुष्य को सुंघ कर कोरोना संक्रमण का पता लगाएगा। संशोधको का दावा है कि यह पद्धति बहुत ही कारगर है। इससे तुरंत ही कोरोना का पता लगाया जा सकता है।
अप्रैल महीने में यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया और कोलाबोरेटर्स की ओर से की गई एक स्टडी जर्नल पीएलओवनएस में प्रकाशित की गई थी, जिसमें दावा किया गया था। ट्रेनिंग दिए हुए 8 लेब्राडोर और 1 बेल्जियम मेलिनोइस कुत्तों को SARS-कोव-2 के संक्रमितो को आइडेन्टिफाइ करवाया गया था, जो कि 96% सही रहा। इसके पहले बीते सप्ताह लंदन स्कूल ऑफ़ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन एंड कोलैबोरेटर में 1 साल तक किए गए अध्ययन को प्रकाशित किया गया था, जिसमें की छ तालीमी स्नीफर कुत्तों को संक्रमित लोगों कीं गंध सुंघाई गई थी। 
इसमें भी उनकी सफलता का दर 94% सही रहा था। आरटीपीसीआर टेस्ट की तुलना में कुत्तों की सैंपल टेस्टिंग एक्यूरेसी 97.2 प्रतिशत थी और नेगेटिव सेम्पलिंग में 92% थी। यूके में हुए एक स्टडी में कुत्तों को ट्रेनिंग देने वाली मेडिकल डिटेक्शन डॉग के अनुसार कुत्तों की नाक की संरचना जटिल होने के कारण वह इंसानो की अपेक्षा ज्यादा और जल्दी सुंघ लेते हैं। कुत्तों के गंध सुंघने की क्षमता मनुष्यों की अपेक्षा 10000 गुना अधिक होती है।
प्रतिकात्मक तस्वीर

यूके स्टडी के ओथर प्रोफेसर लोगान के अनुसार, इसे एक विकल्प के रूप में दिखना चाहिए।, हालांकि यह RT-PCR की जगह नहीं ले सकता। डॉग टेस्ट का सबसे बड़ा फायदा यह है कि खोजी कुत्ता कुछ ही मिनटों में संक्रमण का पता लगा सकता है। भीड़-भाड़ वाली जगह पर इस टेस्ट के जरिए स्क्रीनिंग से संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा एक और फायदा यह होगा कि आरटी-पीसीआर टेस्टिंग कम होगी और जांच करने वालों पर दबाव भी कम होगा।
ऐसे कई अध्ययनों में शामिल कुत्तों को प्रशिक्षित करने का समय भी अलग-अलग देशों में अलग-अलग था। यूके में एक अध्ययन ने परीक्षण के लिए 3,000 लोगों के नमूने लिए और परीक्षण में शामिल कुत्तों को प्रशिक्षित होने में लगभग 2 महीने लगे। फ्रांस में नेशनल वेटरनरी स्कूल के शोधकर्ताओं ने भी 16 मार्च से 9 अप्रैल के बीच इसी तरह के एक अध्ययन में 355 लोगों के नमूने लिए। इस अध्ययन में शामिल कुत्तों को प्रशिक्षित करने में 25 दिन लगे।