स्वास्थ्यतेज : मधुमेह से हैं पीड़ित और मीठा खाने को जी ललचाए, ये उपाय करें

स्वास्थ्यतेज : मधुमेह से हैं पीड़ित और मीठा खाने को जी ललचाए, ये उपाय करें

आर्टिफ़िशियल स्वीटनर की वजह से हो सकते है कई तरह के साइड इफेक्ट

आज के इस तकनीकी युग में कई लोगों को बैठे बैठे काम करने की आदत हो गई है। तकनीक के इस युग में कई लोग ऐसे है, जो मधुमेह और अन्य बीमारियों से पीड़ित है। मधुमेह में तो डॉक्टरों द्वारा किसी भी मीठी चीज को छूने तक से मना कर दिया जाता है। पर फिर भी कई लोगों का दिल मीठी चीजें खाने के लिए ललचाता है। तो ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताने जा रहे है, जिससे की आप अपनी इस लालच को पूरा कर सकते है। 
वैसे तो अधिक मीठा खाने से मधुमेह सहित अन्य कई बीमारियाँ हो सकती है। पर फिर भी यदि आप अपना मीठा खाने की आदत नहीं सुधार पा रहे है, इन चीजों का इस्तेमाल किया जा सकता है। बाज़ारों में बिकने वाले आर्टिफ़िशियल स्वीटनर्स के मुक़ाबले इन नेचरल चीजों को खाने से आपका स्वास्थय भी बना रहेगा और आपको कोई साइड इफेकट भी नहीं होगी।
तो ऐसे में आप मीठे में चीनी की जगह इन चीजों का इस्तेमाल कर सकते है:
- शहद: शहद को सुपरफूड की श्रेणी में रखा गया है। यह विटामिन बी6, जिंक, आयरन, पोटेशियम, एंटीऑक्सीडेंट जैसे कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है। शहद पाचन तंत्र को मजबूत करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। 1 चम्मच शहद में 64 कैलोरी होती है इसलिए वजन घटाने के लिए शहद फायदेमंद होता है।
- खजूर : मैग्नीशियम, आयरन, पोटैशियम से भरपूर खजूर खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होता है। खजूर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है। आप चाहें तो चीनी की जगह खजूर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
प्रतिकात्मक तस्वीर
- गुड़ : मीठे के लिए आप गुड का इस्तेमाल भी कर सकते है। दमा, जुखाम और खांसी से राहत के लिए और पाचन में भी गुड फायदेमंद माना जाता है। गुड में खनिज और विटामिन के साथ आयरन, कैल्शियम और जिंक होता है। गुड़ खाने से हीमोग्लोबिन बढ़ता है। गुड इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है। एनीमिया के मरीज भी गुड़ खा सकते हैं।
- स्टीविया: स्टीविया एक प्राकृतिक स्वीटनर है, जो की शुगर स्टेविया रूबर्ब नामक पौधे की पत्तियों में पाया जाता है। स्टीविया के पौधे की पत्तियों का इस्तेमाल दक्षिण अमेरिका के लोग 1500 साल से करते आ रहे हैं। स्टीविया में शून्य कार्बोहाइड्रेट, शून्य कैलोरी होती है और आर्टिफ़िशियल स्वीटनर की तरह स्टीविया की कोई साइडइफेक्ट भी नहीं है।
- नारियल चीनी: नारियल पानी, नारियल का दूध, नारियल का तेल, आपने इन सभी चीजों का इस्तेमाल किया होगा लेकिन इन दिनों एक चीज ज्यादा मशहूर हो गई है और वह है नारियल की चीनी। यह ग्लाइसेमिक इंडेक्स को कम करती है। यह खनिजों में भी समृद्ध है। नारियल के रस से नारियल चीनी आसानी से बनाई जा सकती है और वह बाजार में आसानी से मिल जाती है।