घर और ऑफिस में AC से फ़ेल सकता है कोरोना, जानें क्या रखनी चाहिए सावधानी

घर और ऑफिस में AC से फ़ेल सकता है कोरोना, जानें क्या रखनी चाहिए सावधानी

डबल्यूएचओ भी कर चुका है कोरोना संक्रमण रोकने के लिए वेंटीलेशन की आवश्यकता पर भार

केंद्र सरकार ने गुरुवार को कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर नई गाइडलाइन जारी की। जिसमें कहा गया है कि एरोसोल और ड्रॉपलेट्स के जरिए भी कोरोना वायरस फैल सकता है। गाइडलाइंस के मुताबिक, वायरस मुंह-नाक की बूंदों और एरोसोल के रूप में एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इस वजह से बंद जगहों में संक्रमण तेजी से फैल गया है। केंद्रसरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस में वेंटिलेशन और खुली जगह को विशेष महत्व दिया गया है। इसमें अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि टीकाकरण ठीक से वेंटीलेटेड जगहों पर ही किया जाए। 
डब्ल्यूएचओ ने भी कोरोना वायरस को रोकने में वेंटिलेशन की अहम भूमिका पर प्रकाश डाला है। जैसा कि डब्ल्यूएचओ ने मई की शुरुआत में कहा था, मौजूदा स्थिति इस ओर इशारा करती है कि वायरस मुख्य रूप से उन लोगों में फैला है जो एक-दूसरे के निकट संपर्क में हैं। खासकर 1 मीटर या उससे कम दूरी पर रहने वालों में। जब कोई व्यक्ति वायरस से भरी बूंदों और एरोसोल के संपर्क में आता है, तो वे आंख, नाक और मुंह से संक्रमित हो सकते हैं। यह वायरस उन लोगों में भी फैल सकता है जो खराब हवादार और भीड़-भाड़ वाले बंद स्थानों में लंबे समय तक बैठे रहते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि एरोसोल हवा में रहता है और लंबी दूरी तक फैल जाता है। केंद्र की ओर से जारी एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि एरोसोल हवा में 10 मीटर तक फैल सकता है।

पिछले हफ्ते साइंस जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि घर के अंदर कि स्वच्छ हवा बीमारी से लड़ने में मदद करती है। साथ ही फ्लू या किसी अन्य श्वसन संक्रमण के फैलने के जोखिम को भी कम करती है। इन कीटाणुओं और उनसे जुड़ी बीमारियों को रोकने के लिए इमारतों में वेंटिलेशन और फिल्टरेशन की सुविधा होना अति आवश्यक है। उनका कहना है कि घर के अंदर की हवा साफ और कीटाणुरहित होनी चाहिए। इतना ही नहीं, 14 देशों के 39 वैज्ञानिकों ने मान्यता की मांग की है कि घर के अंदर की वेंटिलेशन सिस्टम में सुधार करके संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है। वैज्ञानिकों ने डब्ल्यूएचओ से वायुजनित रोगजनकों को रोकने के लिए इनडोर वायु गुणवत्ता पर दिशानिर्देश जारी करने के लिए भी कहा है। साथ ही इसने वेंटिलेशन मानकों के निर्माण में एयरफ्लो और फिल्ट्रेशन बढ़ाने की मांग की है। 
इस बारे में बात करते हुये वैज्ञानिकों का कहना है कि घर के अंदर पंखा इस तरह से नहीं लगाना चाहिए कि दूषित हवा सीधे किसी के पास जाए। किचन में एग्जॉस्ट फैन लगाना जरूरी है। अगर खिड़कियां और दरवाजे बंद हैं, तो एग्जॉस्ट फैन चालू रखें। गांवों में जिन घरों में क्रॉस वेंटीलेशन की सुविधा नहीं है, वहां एग्जॉस्ट फैन के साथ जाली लगाई जानी चाहिए। खिड़कियों और दरवाजों को बंद करके एसी को चालू करने से संक्रमित हवा पूरे क्षेत्र में फैल जाती है। इसलिए एसी चालू होने पर खिड़की या दरवाजे को थोड़ा खुला रखना चाहिए, ताकि ताजी हवा अंदर आ सके और वायरस के छोटे-छोटे कण हवा में घुलकर बच सकें। जिन जगहों पर सेंट्रलाइज्ड एसी का इस्तेमाल होता है, जैसे ऑफिस, ऑडिटोरियम, शॉपिंग मॉल, वहां रूफ वेंटिलेटर और फिल्टर पर ध्यान देना चाहिए। इन फिल्टरों को नियमित रूप से साफ करना चाहिए। सार्वजनिक परिवहन वाहनों में एयर क्रॉस फ्लो होना चाहिए। बसों और ट्रेनों की खिड़कियां खुली रहनी चाहिए। एसी वाली बस या ट्रेन में वायु प्रवाह को बेहतर बनाने के लिए एक निकास प्रणाली शुरू की जानी चाहिए।