नॉन-कोविड लोगों में भी म्यूकर मायकोसिस के मामले, ये हो सकते हैं कारण

नॉन-कोविड लोगों में भी म्यूकर मायकोसिस के मामले, ये हो सकते हैं कारण

नॉन-कोविड लोगों में सामने आए हैं कुछ मामले

एक तरफ देश कोरोना के संक्रमण से उबरा ही नहीं था कि देश में ब्लैक फंगस या म्युकरमायकोसिस का आतंक फ़ैल गया। देश भर में कोरोना मरीजों में ब्लैक फंगस यानी म्युकर मायकोसिस का अटैक देखने को मिल रहा है। गुजरात के साथ साथ महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में भी इस बीमारी से कई मरीजों की आंखें निकालनी पड़ी हैं तो कई मरीजों की मौत हो चुकी हैं। इस बीच ऐसी खबर सामने आई कि ये बीमारी सिर्फ कोरोना संक्रमित लोगों को ही होता हैं या फिर किडनी, मधुमेह,अस्थमा या कैंसर जैसी बड़ी बीमारियों से जूझ रहे लोग इसका शिकार बनते हैं।
लेकिन एक नए शोध में चौकने वाले दावे सामने आए हैं। इसके अनुसार इन लोगों के अलावा कम इम्युनिटी वाले लोगों को भी इस बीमारी से सावधान होने की आवश्यकता हैं।साथ ही नॉन-covid मरीज भी इससे संक्रमित हो सकता हैं। जानकारी के अनुसार सांस के जरिए वातावरण में मौजूद फंगस हमारे शरीर में पहुंचते हैं। अगर शरीर में किसी तरह का कटा फटा है या घाव हो तो वहां से भी ये इंफेक्शन शरीर में फैल सकता है। अगर इसे शुरुआती दौर में पहचान नहीं की गई, तो जानलेवा साबित भी हो सकती है। आखों की रोशनी जा सकती है।
इस विषय में विशेषज्ञ कहते हैं कि लगातार नमी वाले सतह के संपर्क में रहने और कम रोगप्रतिकारक क्षमता वाले लोग इस म्युकरमायकोसिस बीमारी से संक्रमित हो सकते हैं। साथ ही बारिश के साथ इस बीमारी के तेजी से फैलने की संभावना हैं।