जानिए क्यों होते तबाही मचाने वाले खतरनाक तूफानों के ऐसे अजीबोगरीब नाम, इसके पीछे है ये बड़ा कारण

जानिए क्यों होते तबाही मचाने वाले खतरनाक तूफानों के ऐसे अजीबोगरीब नाम, इसके पीछे है ये बड़ा कारण

आगे आने वाले तूफानों के भीं नाम हैं तय, ऐसे तय होता हैं नाम

देश के दक्षिण-पश्चिमी राज्यों में तूफ़ान ‘तौकते’ के लिए अलर्ट जारी किया गया है। अरब सागर में आए चक्रवाती तूफान से प्रभावित राज्यों में एनडीआरएफ की 53 टीमों को तैनात किया गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, तौकते गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत से होता हुआ अब उत्तर प्रदेश में दाखिल हो चुका है। तौकते ने इन तमाम राज्यों में जबरदस्त तबाही मचाई है। ऐसे में हर कोई ये जानने को उत्सुक है कि आखिर तूफान का नाम तौकते कैसे रखा गया है? इस वजह से हर कोई ये जानना चाहता है कि आखिर ये तौकते है क्या, कहां से इस तूफान का नाम ये रखा गया है!
एक मौसम विज्ञानी का कहना है कि जब गर्म महासागरों में हवा को गर्म करती है और बेहद कम दबाव का क्षेत्र बनाती है तो संघनन बादल बनाता है। फिर यह खाली जगह को भरने के लिए नम हवा के साथ नीचे आती है। इससे तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश होती है। तौकते से पहले सुपर साइक्लोन अम्फा ने कहर बरपाया था। अम्फान से पहले कटरीना, निवार, निसर्ग, हुदहुद, फानी, बुलबुल, हिकाका, लैरी, लिजा जैसे तूफान भी समुद्र के करीब के देशों में कहर बरपा चुके हैं। इन तूफानों में लोगों को जान-माल का भारी नुकसान उठाना पड़ता है।
कई लोग तूफानों के अजीबोगरीब नामों से परेशान रहते हैं। हालांकि इसके पीछे एक इतिहास छिपा है। 1953 में एक संधि के साथ अटलांटिक क्षेत्र में चक्रवातों का नामकरण शुरू हुआ। इस प्रणाली को वर्ष 2004 में हिंद महासागर क्षेत्र में पेश किया गया था। भारत की पहल पर क्षेत्र के 8 देशों में तूफानों के नामकरण शुरू हो गए। इसमें भारत के अलावा पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान और थाईलैंड शामिल थे। 2018 में, यूएई, ईरान, कतर और यमन सहित कई देश क्लब में शामिल हुए।
हिंद महासागर में आने वाले तूफानों को नाम देने के लिए एक विशेष प्रक्रिया तैयार की गई है। इस प्रक्रिया के तहत, यदि किसी तूफान का संदेह होता है, तो भारत सहित 13 सदस्य वर्णानुक्रम अपने नंबर आने पर तूफ़ान को विशेष नाम देते हैं। इस बार तूफान को नाम देने की बारी म्यांमार की थी। उन्होंने तूफान का नाम तौकते रखा। इसका अर्थ होता हैं बहुत शोर करने वाली छिपकली।
हिंद महासागर के इन देशों ने भविष्य के तूफानों के नाम भी तय कर लिए हैं, इसलिए अगर निकट भविष्य में कोई तूफान आता है, तो उसे यश कहा जाएगा, तो अगले तूफान का नाम गुलाब होगा। नामों की सूची पिछले साल अप्रैल में जारी की गई थी। यह सूची अगले 25 वर्षों के लिए बनाई गई है। इस सूची में भारत ने तेजस, गति, मुरासु (तमिल वाद्य यंत्र), आग, नीर, प्रभंजन, धुरनी, अंबुद, जलाधी, शाकाहारी जैसे नाम दर्ज कराए हैं। जबकि बांग्लादेश ने अर्नब, पाकिस्तान लुलु, कतर शाहीन और बहार का नाम लिया है।
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