गेंहू के निर्यात के बाद सरकार ने अब गेहूं के आटे और अन्य उत्पादों पर लगाया रोक

गेंहू के निर्यात के बाद सरकार ने अब गेहूं के आटे और अन्य उत्पादों पर लगाया रोक

विदेश में सामान भेजने से पहले अंतर-मंत्रालय समिति की मंजूरी लेना अनिवार्य

सरकार द्वारा गेंहू के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद अब गेहूं के आटे और संबद्ध उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। निर्यातकों को अब विदेश में सामान भेजने से पहले अंतर-मंत्रालय समिति की मंजूरी लेना अनिवार्य होगा। ये नए नियम 12 जुलाई से प्रभावी होंगे। सरकार ने इससे पहले मई में गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी। देश में गेहूं की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के साथ ही आपूर्ति को आसान बनाने के लिए यह फैसला लिया गया है।
इया बारे में विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने कहा कि गेहूं के आटे का निर्यात किया जा सकता है लेकिन इसके लिए अंतर-मंत्रालयी समिति की मंजूरी लेना अनिवार्य होगा। नई अधिसूचना के अनुसार, गेहूं का आटा, भोजन, सूजी और अन्य सभी प्रकार के आटे का निर्यात नहीं किया जा सकता है। गेहूं के आटे की गुणवत्ता को लेकर सरकार अलग से गाइडलाइंस जारी करेगी। डीजीएफटी ने कहा कि 8 से 12 जुलाई तक केवल शिप किए गए शिपमेंट को ही निर्यात की अनुमति दी जाएगी। निर्यात के लिए सीमा शुल्क को सौंपे गए सामानों के निर्यात की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा सभी शिपमेंट कंसाइनमेंट को रोक दिया जाएगा। गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध के बाद व्यापारी गेहूं के आटे का निर्यात कर जीवन यापन करते थे। इस वजह से देश में कीमतें बढ़ रही थीं। इसलिए गेहूं के आटे का निर्यात बंद कर दिया गया।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल 2022 में भारत ने 96,000 टन गेहूं के आटे का निर्यात किया। पिछले साल की समान अवधि में यह 26,000 टन था। गेहूं निर्यात के बाद वित्त वर्ष 22 में गेहूं के आटे का निर्यात तेजी से बढ़ा। वित्त वर्ष 22 में सरकार ने 212 अरब मूल्य के 70 लाख टन गेहूं का निर्यात किया। जो पिछले एक साल में मूल्य में 274 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
Tags: Businesss