हीरे और कपड़े के बाद ज्वेलरी निर्माण के क्षेत्र में आगेकूच कर रहा सूरत, जानें कैसा होगा भविष्य

हीरे और कपड़े के बाद ज्वेलरी निर्माण के क्षेत्र में आगेकूच कर रहा सूरत, जानें कैसा होगा भविष्य

5 से 8 अप्रैल के दौरान मुंबई में ज्वेलरी मेन्यूफ़ेक्चर मशीनरी के प्रदर्शन का किया जा रहा आयोजन, सूरत से तकरीबन 250 लोगों के जाने की संभावना; प्रदर्शनी में इटली, जर्मनी, तुर्की तथा चाइना के मशीनों का भी होगा डिस्प्ले

सूरत को डायमंड तथा टेक्सटाइल सिटी के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि आने वाले कुछ ही समय में सूरत को ज्वेलर सिटी के नाम से भी जाना जाये तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होनी चाहिए। सूरत में ज्वेलरी मेन्यूफ़ेक्चर इंडस्ट्रीज ने पिछले 6 महीने में जो तेजी दिखाई है, वह शायद ही देश के किसी अन्य इलाके में देखने मिली हो। पूरे देश में ज्वेलरी बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाली मशीनरी की बिक्री में 50 प्रतिशत बिक्री तो मात्र सूरत में ही हो रही है। 
मुंबई के गोरेगाँव स्थित बॉम्बे एक्जिबिशन सेंटर में आने वाली 5 से 8 अप्रैल के दौरान ज्वेलरी मेन्यूफ़ेक्चर मशीनरी के प्रदर्शन का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रदर्शनी का आयोजन ज्वेलरी मशीनरी असोशिएशन द्वारा किए जा रहे है। जिसके लिए सूरत के ज्वेलरी मेन्यूफ़ेक्चर से जुड़े लोगों की एक मीटिंग भी की गई थी। मीटिंग का मुख्य हेतु ज्वेलरी मेन्यूफ़ेक्चर से जुड़े लोग भी इस प्रदर्शनी में शामिल हो यह सुनिश्चित करना था। इस बारे में जानकारी देते हुये संस्था के संस्थापक केतन झाटकीय तथा सहमंत्री पराग गांधी ने बताया कि पिछले 6 महीनों में समग्र देश में बिकी ज्वेलरी निर्माण की मशीनरी में से 50 प्रतिशत ऑर्डर मात्र सूरत में से दिये गए है। सूरत में ज्वेलरी निर्माण इंडस्ट्री काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है। 
सूरत में तेजी से बढ़ रहे ज्वेलरी निर्माण से जुड़े लोगों की संख्या बढ्ने के कारण ही मशीनरी की भी अधिक मात्रा में खरीदी की जा रही है। यही कारण है कि मशीनरी बनाने वाले उद्यमियों को भी सूरत के उद्यमियों के प्रति आकर्षण बढ़ा है। यही कारण था कि शहर में पहली बार ही इस तरह के रोड शो और बैठक का आयोजन किया गया था। सूरत में विभिन्न 250 ज्वेलरी निर्माण से जुड़े लोग मुंबई के इस प्रदर्शन के लिए जाने वाले है ऐसी संभावना व्यक्त कि जा रही है।
इस प्रदर्शनी में तकरीबन 250 स्टॉल तैयार किए गए है, जिसमें से 20 स्टॉल मात्र और मात्र विदेशी कंपनियों को दिये गए है। जिसके तहत इटली, जर्मनी, तुर्की तथा चाइना की कंपनियाँ भी अपनी मशीनरी पेश कर सकेंगे।