कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा के कारण ये धंधा पड़ गया है मंदा

कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा के कारण ये धंधा पड़ गया है मंदा

70 प्रतिशत स्कूल से जुड़ा है स्टेशनरी व्यापार, स्टेशनरी को आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में शामिल करने की मांग

बारिश होने के कारण कई व्यापार उद्योग बंद हो गए हैं। कई व्यापार उद्योगों की हालत लचर हो गई है। ऐसे ही बीते 2 साल से लगातार स्कूल बंद रहने के कारण स्टेशनरी का व्यापार भी कमजोर हो गया है। स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई चालू कर दी गई है जिसके चलते स्टेशनरी का उपयोग घट गया है। स्टेशनरी विक्रेताओं का कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई शुरू होने के कारण 110 करोड रुपए के व्यापार पर असर पड़ा है।
दक्षिण गुजरात की बात करें तो निजी स्कूल में11 लाख स्कूलों के बच्चों के कारण 110 करोड रुपए का व्यापार होता था जो कि अब चौपट हो गया है। स्टेशनरी व्यापार में ज्यादातर हिस्सा स्कूलों का होता है। इसके बाद ऑफिस,दुकान,सरकारी कार्यालय आदि में भी स्टेशनरी का उपयोग होता है लेकिन, ज्यादातर उपयोग पढ़ाई लिखाई में ही होता है। इसलिए ऐसा कहा जा सकता है कि स्टेशनरी का कारोबार पढ़ाई से जुड़ा हुआ है। बीते साल पूरा व्यापार चौपट रहने के बाद इस साल नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने को था कि कोरोना आ गया। करोना के पहले 110 करोड रुपए का व्यापार होता था लेकिन वह अब चौपट हो चुका है। दक्षिण गुजरात की ग्रांटेड और सरकारी विद्यालयों को छोड़ दिया जाए तो निजी स्कूलों में 11 लाख बच्चे पढ़ते हैं, स्कूल खुलने पर बच्चे बड़े पैमाने पर स्टेशनरी की खरीदी करते हैं और साल भर धीमे-धीमे खरीदी जारी ही रहती है। यदि प्रति विद्यार्थी एक हजार रूपए की स्टेशनरी  भी खरीदी करें तो 1100000 विद्यार्थियों का 110 करोड़ रुपए का व्यापार तो तय था। 
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credit : Pixabay.com)
स्टेशनरी व्यापार से जुड़े विक्रेताओं का कहना है कि सूरत स्टेशनरी मर्चेंट एसोसिएशन से 400 से अधिक लोग जुडे हैं। जुन, जुलाई महीने में स्टेशनरी के व्यापार का सीजन होता है फिलहाल स्कूल बंद हैं जिससे कि व्यापार और अवरोहित है। पिछले साल कोरोनावायरस के कारण 50% व्यापार प्रभावित था लेकिन इस साल तो पिछले साल की अपेक्षा  अधिक हालत खराब है। सूरत मार्केट एसोसिएशन के संजय पटेल ने बताया कि इस व्यापार में 70% हिस्सा स्टेशनरी स्कूल का होता है जबकि बाकी का मैन्युफैक्चरिंग यूनिट तथा ऑफिश आदि अन्य स्थान का होता है। सरकारी गाइडलाइन के अनुसार इसे बंद कर दिया गया है लेकिन सरकारी अस्पताल, लेबोरेटरी और ऑफिसों में भी स्टेशनरी का उपयोग होता है। इसलिए इसे आवश्यक चीज वस्तुओं की श्रेणी में गिन कर खोलने की छूट देनी चाहिए।
Tags: Business