भारतीय हॉकी टीमों ने हासिल की अपनी अब तक की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग

भारतीय हॉकी टीमों ने हासिल की अपनी अब तक की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग

41 साल बाद भारतीय पुरुष टीम ने जीता है ओलंपिक में पदक, तीसरे स्थान पर पहुंची है पुरुष टीम

नई दिल्ली, 8 अगस्त (आईएएनएस)| टोक्यो ओलंपिक 2020 में एक स्वप्निल अभियान के बाद भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीमों ने अपनी सर्वोच्च एफआईएच विश्व रैंकिंग हासिल कर ली है। भारतीय पुरुष हॉकी टीम, जिसने टोक्यो में कांस्य पदक जीतकर 41 साल के पदक के सूखे को समाप्त किया, बेल्जियम और ऑस्ट्रेलिया के बाद अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ की विश्व रैंकिंग में क्रमश: तीसरे स्थान पर पहुंच गई जबकि, भारतीय महिला हॉकी टीम नवीनतम एफआएच विश्व रैंकिंग के अनुसार 8वें स्थान पर पहुंच गई है।
इस उपलब्धि से पहले, मनप्रीत सिंह की अगुवाई वाली टीम की करियर-उच्च रैंकिंग नंबर-4 थी, जिसे उन्होंने मार्च 2020 में एफआईएच हॉकी प्रो लीग 2020 के दूसरे संस्करण के पहले तीन राउंड में अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर हासिल किया था। दूसरी ओर, भारतीय महिला टीम की अब तक की सर्वोच्च विश्व रैंकिंग 9वीं थी, जिसे उन्होंने चार दशकों में विटैलिटी हॉकी महिला विश्व कप लंदन 2018 में अपना सर्वश्रेष्ठ फिनिश (क्वार्टर फाइनल) कर पूरा किया था। विश्व कप के क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने के बाद, भारतीय टीम शीर्ष क्रम की एशियाई टीम बन गई और जकार्ता पालेमबांग 2018 एशियाई खेलों में रजत पदक हासिल किया। 
(Photo Credit : IANS)
दोनों टीमों ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में अपने शानदार प्रदर्शन के बाद अपनी सर्वोच्च रैंकिंग हासिल की। मनप्रीत एंड कंपनी पूल ए में ग्रुप चरण के पांच मैचों में से चार मैच जीतकर दूसरे स्थान पर रही और क्वार्टर फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन को 3-1 से हराया लेकिन सेमीफाइनल में बेल्जियम से 5-2 से हार गई। उसने हालांकि ओलंपिक खेलों में ऐतिहासिक कांस्य पदक हासिल करने के लिए जर्मनी पर 5-4 से जीत की।
महिला टीम को शुरूआती मैचों में तीन हार का सामना करना पड़ा था। यकीनन सबसे बड़ा उलटफेर उस समय हुआ जब वह क्वार्टर फाइनल में पहुंची और विश्व नंबर 3 ऑस्ट्रेलियाई टीम को हराया। रानी एंड कंपनी क्रमश: अर्जेंटीना और ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ सेमीफाइनल और कांस्य पदक प्ले-ऑफ मैच दोनों हार गई। इस तरह, 2020 के टोक्यो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहने से भारत की महिला हॉकी टीम विश्व रैंकिंग में 8वें स्थान पर पहुंच गई।