सूरत : नगर निगम के आय का मुख्य स्रोत कर संचालन हैं, जिसे तेज किया जाएगा

सूरत : नगर निगम के आय का मुख्य स्रोत कर संचालन हैं, जिसे तेज किया जाएगा

आचार संहिता के कारण 125 करोड़ का कर बिल लंबित, नगर पालिका की संपत्ति कर की मांग 1700 करोड़ के पार होगी

गुजरात विधानसभा चुनाव के कारण सूरत नगरपालिका की आय का मुख्य स्रोत प्रॉपर्टी टैक्स ठप पड़ गया है। आचार संहिता के चलते सूरत नगर निगम क्षेत्र में कुल 23 लाख संपत्ति है। इस संपत्ति में पुनरीक्षण मूल्यांकन (रिविजन आकारणी) बिल जारी करने की प्रक्रिया में ब्रेक था।

चुनाव आचार संहिता के कारण आकारणी काम रुका था


इन कार्यों के ठप होने से 125 करोड़ से अधिक के संपत्ति कर बिल अभी भी लंबित हैं। आचार संहिता पूरी होने के बाद नगर निगम व्यवस्था पुनरीक्षण मूल्यांकन करेगी, जिससे 1600 करोड़ के संपत्ति कर से पहले की मांग 100 करोड़ से अधिक बढ़ जाएगी और नगर पालिका की संपत्ति कर की मांग 1700 करोड़ के पार होने की संभावना है।

चुनावी आचारसंहिता के  बाद संपत्ति कर को तेज करने की योजना


सूरत में चुंगी प्रथा की समाप्ति के बाद नगर निगम के राजस्व का मुख्य स्रोत संपत्ति कर के साथ-साथ विभिन्न कर बन गए हैं। नगरपालिका सरकार से विभिन्न अनुदानों के साथ संपत्ति कर को तेज करने की योजना बना रही है। नगर पालिका इस कर के संचालन को और आक्रामक बनाने के लिए पुनरीक्षण मूल्यांकन करा रही है। वर्तमान में संपत्ति का 25 प्रतिशत पुनरीक्षण मूल्यांकन के लिए आकलित किया गया है। हालांकि, गुजरात विधानसभा की आचार संहिता लागू होने के कारण इस काम को फिलहाल के लिए रोक दिया गया था।

23 लाख संपत्तीओं में नई 25 हजार संपत्तिओं का समावेश


आचार संहिता के कारण पुनरीक्षण बिल लोगों तक नहीं पहुंच सके। 8 दिसंबर को मतगणना के बाद जब आचार संहिता पूरी हो जाएगी, तब नगर निगम की व्यवस्था कर कार्रवाई तेज कर देगी। वर्तमान में संपत्ति कर को लेकर समीक्षा बैठक हुई थी, शहर में 23 लाख संपत्तियां हैं और कहा जा रहा है कि पुनरीक्षण आकलन में 25 हजार संपत्तियों की बढ़ोतरी की जायेगी। जो पिछले साल के दौरान नई बनी है उनको आकारणी बिल में समावश किया जायेगा।

पिछले वर्ष 1664 करोड के सामने इस वर्ष 1700 करोड की वेरा 


वर्ष 2021-22 में सूरत नगर पालिका ने संपत्ति कर के लिए 1664 करोड़ रुपये की मांग की थी, जिसके सामने नगर पालिका ने 31 मार्च, 2022 तक 1150 करोड़ रुपये की वसूली की। जबकि वर्ष 2022-23 में अब तक 882 करोड़ की कर वसूली की जा चुकी है। अब तक नगर पालिका द्वारा जारी बिलों में से 53.18 प्रतिशत की वसूली की जा चुकी है। यह आंकड़ा बताता है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष संपत्ति कर संग्रह का प्रतिशत अधिक है। इस महीने के अंत तक 2022-23 के लिए संपत्ति कर का आंकड़ा साफ हो जाएगा और इसके 1700 करोड़ के पार जाने की पूरी संभावना है।
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