सूरत : देश भर में गणेश उत्सव की शुरुआत के साथ शुरू हुआ त्यौहारी मौसम
By Loktej
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देश भर में इकोफ्रैंडली गणेश मूर्तियों का चलन बढ़ा
बुधवार से देश भर में 10 दिवसीय गणेश उत्सव के साथ इस वर्ष का त्यौहारी मौसम शुरू हो गया, जिससे इस बार देश भर के व्यापारियों को बड़े व्यापार की बहुत उम्मीदें हैं। आज से ही कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज़ ( कैट) ने देश भर में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के अभियान को दोबारा शुरू किया। गणेश चतुर्थी के अवसर पर देश भर में लोगों ने ख़ासकर व्यापारियों ने अपने अपने घरों में श्री गणेश जी की मूर्ति की स्थापना की। गणपति को विघ्नहर्ता और कष्ट निवारक के रूप में जाना जाता है।
कैट ने देशभर के व्यापारियों से इस वर्ष अपने-अपने घरों में श्री गणेश जी की स्थापना करने का आग्रह किया था, जिसको लेकर आज बड़े पैमाने पर व्यापारियों ने भी श्री गणेश के पार्थिव विग्रह की स्थापना कर देश में सुख शान्ति और व्यापार में वृद्धि की कामना की। बुधवार से शुरू हुआ गणपति महोत्सव देश भर में आगामी 9 सितम्बर तक बहुत धूमधाम से मनाया जाएगा तथा अनंत चतुर्दशी के दिन 9 सितम्बर को गणपति जी की स्थापित मूर्तियों का विसर्जन होगा ।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि एक अनुमान के अनुसार प्रतिवर्ष देश में लगभग 20 करोड़ से ज्यादा गणेश मूर्तियां खरीदी जाती हैं, जिनसे अनुमानित 300 करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होता है। उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों से देश भर में बड़ी मात्रा में गणेश जी की ईकोफ्रेंडली मूर्तियों को स्थापित करने का चलन बहुत तेजी से बढ़ा है।
इससे पहले चीन से बड़ी मात्रा में गणेश जी की प्लास्टर ऑफ़ पेरिस, स्टोन, मार्बल तथा अन्य सामान से बनी मूर्तियां सस्ती होने के कारण आयात होती थी, लेकिन पिछले दो वर्षों कैट द्वारा चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के अभियान के चलते चीन से गणेश मूर्तियों का आयात बंद हो गया है और स्थानीय शहरों के शिल्पकारों, कारीगरों और घरों में काम करने वाले कुम्हार तथा उनके परिवार की महिलाएं मिटटी, एवं गोबर से गणेश जी की मूर्तियां बनाती हैं जिनका विसर्जन आसानी से हो जाता है। उन्होंने बताया कि गत दो वर्षों से ही अब ऐसी मूर्तियां बन रही हैं जिनको विसर्जित करने की बजाय पेड़-पौधों में मिलाया जाता है जिससे पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होता। इन मूर्तियों की वजह से देशभर में लाखों लोगों को कारोबार मिलता है।
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