सूरत : वलसाड के डॉ. पंकजभाई ने अपना 50वां जन्मदिन अनोखे तरीके से मनाया

सूरत : वलसाड के डॉ. पंकजभाई ने अपना 50वां जन्मदिन अनोखे तरीके से मनाया

100वीं बार रक्तदान कर हीरो बनें

 वलसाड में रहने वाले डॉ. पंकज मिस्त्री ने अपना जन्मदिन अनोखे तरीके से मनाया है। अपने 50वें जन्मदिन पर उन्होंने 100वीं बार रक्तदान किया और लोगों को प्रेरणा दी। उन्होंने बीकेएम साइंस कॉलेज, वलसाड में पढ़ाई की। साइंस कॉलेज से एमएससी, पीएचडी की उच्च डिग्री प्राप्त की वर्तमान में अतुल लिमिटेड में संयुक्त प्रबंधक के रूप में कार्यरत हैं। डॉ. पंकजभाई मिस्त्री ने 100वीं बार रक्तदान कर परिवार के साथ मनाया अपना 50वां जन्मदिन। उन्होंने 32 साल पहले साल 1990 में पहला रक्तदान किया था जो लगातार जारी है और आज 100वीं बार रक्तदान कर सेंचुरीयन बन गए हैं। 
पंकजभाई ने अपने 100वें रक्तदान के माध्यम से वलसाड रक्तदान केंद्र के 8वीं शताब्दी रक्तदान करने का श्रेय प्राप्त किया है। वलसाड के पुराने और प्रसिद्ध बीकेएम साइंस कॉलेज में पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने अपना पहला रक्तदान शुरू किया और उपलब्धि हासिल की 100वां रक्तदान। पंकजभाई के परिवार में उनके पिता और दो अन्य भाइयों ने भी 25 से अधिक बार रक्तदान किया है। इस प्रकार पंकजभाई सहित उनके परिवार ने 200 यूनिट से अधिक रक्तदान किया है और कई लोगों को बचाने के लिए बहुत अच्छा काम किया है। अज्ञात मानव जीवन और मानवता के लिए योगदान दिया है।
पंकजभाई मिस्त्री के 100वें रक्तदान के अवसर पर शनिवार को वलसाड रक्तदान केंद्र की सहायक निदेशक प्रीतिबेन मिस्त्री ने पुष्प गुच्छ तथा मानद मंत्री डॉ. यज़दी इटालिया और चिकित्सा निदेशक डॉ. कमल पटेल ने शॉल ओढ़ाकर  उपहार देकर उनकी अविस्मरणीय सेवाओं के लिए उन्हें बधाई दी। इस अवसर पर डॉ. यजदी इटालिया ने कहा कि रक्त की मांग और आपूर्ति के बीच भारी अंतर को दूर करने के लिए पंकजभाई जैसे नियमित रक्तदाताओं की सेवाएं आवश्यक हैं। दुर्घटना, कैंसर, प्रसव, विभिन्न प्रकार के ऑपरेशन और जन्मजात और वंशानुगत बीमारियों जैसे थैलेसीमिया, सिकल सेल एनीमिया के लिए मात्र रक्त ही जीवनदायिनी है। थैलेसीमिया के रोगियों को जीवन भर रक्त के सहारे रहना पड़ता है। विभिन्न प्रकार के रोगों में रक्त के बिना रोगियों का इलाज संभव नहीं है, पंकजभाई जैसे नियमित रक्त दाताओं के लिए धन्यवाद कि इन सभी रोगियों को आवश्यक रक्त आपूर्ति प्रदान की जाती है। पंकजभाई ने पूरे रक्त को 64 बार और प्लेटलेट 36 बार दान करके समाज में दूसरों को प्रेरित किया है।
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