सूरत : ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत अन्य राज्यों में भेजे जाएंगे 1 करोड़ से ज्यादा तिरंगे

सूरत : ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत अन्य राज्यों में भेजे जाएंगे 1 करोड़ से ज्यादा तिरंगे

डाक विभाग ने ट्रेनों के जरिए सूरत से अलग-अलग राज्यों में तिरंगे भेजने की तैयारी चल है

सूरत में 10 करोड़ राष्ट्रीय ध्वज बनाने का काम जोरों पर चल रहा है। सूरत में बन रहे इन तिरंगे को देश के अलग-अलग राज्यों में भेजा जाएगा। ऐसे में डाक विभाग ने ट्रेनों के जरिए सूरत से अलग-अलग राज्यों में 1 करोड़ से ज्यादा तिरंगे भेजने के लिए सिर्फ 9 (वीपीएन) कोच की मांग की। इसके सामने रेलवे ने अब तक चार कोच आवंटित किए हैं। इस बीच, एक कोच में आठ लाख तिरंगे और इस तरह कुल 32 लाख तिरंगे दूसरे राज्यों में भेजे गए हैं। जिन जगहों पर तिरंगा भेजा गया है उनमें मद्रास, निजामुद्दीन, यशवंतपुर और जयपुर शामिल हैं। जबकि बाकी कोच जल्द ही भेजे जाएंगे।
आपको बता दें कि ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत 13 अगस्त से 15 अगस्त तक देश में हर घर, अपार्टमेंट के साथ-साथ सरकारी-निजी भवनों पर तिरंगा फहराया जाएगा। भारतीयों में जागरूकता पैदा करने के लिए जोरदार प्रचार किया जा रहा है। दूसरी ओर डाकघरों में तिरंगे बेचे जा रहे हैं ताकि लोग अपने घरों पर आसानी से तिरंगा फहरा सकें। जबकि गांवों में तलाटी, सरपंच से ग्रामीणों को तिरंगा लेने की सुविधा मुहैया कराई गई है। इसके साथ ही सूरत में पर्याप्त तिरंगा बनाने का काम दिन-रात चल रहा है। सूरत में 10 करोड़ तिरंगा तैयार होने के बाद इसे देश के अन्य राज्यों में भी भेजा जाने लगा है। ट्रेन, एयर कार्गो और सड़क परिवहन द्वारा तिरंगा भेजा जा रहा है। अब तक 40 लाख से ज्यादा तिरंगे सिर्फ ट्रेनों के जरिए दूसरे राज्यों में भेजे जा चुके हैं।
सूरत से ट्रेन से तिरंगे से भरा पूरा डिब्बा भेजने के साथ ही छोटे पार्सल के जरिए भी भेजा जा रहा है। इस बीच खबर है कि अब तक तिरंगा बनाने वाली कंपनियां रिटेल पार्सल के जरिए भी करीब 10 लाख तिरंगे अलग-अलग राज्यों में भेज चुकी हैं। रोजाना तिरंगे के पार्सल भेजे जा रहे हैं। सूरत से हजारों किलोमीटर दूर विभिन्न राज्यों के छोटे-छोटे गांवों में समय पर पहुंचने के लिए इसे एयर कार्गो और ट्रांसपोर्ट के जरिए ट्रेनों के साथ भेजा जा रहा है। गुजरात के पड़ोसी राज्यों में सड़क मार्ग से ट्रक भेजे जा रहे हैं। जबकि सूरत से दूर के राज्यों में सेल भेजने के लिए एयर कार्गो का इस्तेमाल किया जा रहा है।
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