मातृत्व सुख को संजोने की कवायत; महिलाओं के स्तनपान, बच्चे के नाखून, गर्भनाल जैसी चीजों से बनाए जा रहे हैं आभूषण

मातृत्व सुख को संजोने की कवायत; महिलाओं के स्तनपान, बच्चे के नाखून, गर्भनाल जैसी चीजों से बनाए जा रहे हैं आभूषण

आज कल खूब चलन में है ब्रेस्ट मिल्क और डीएनए कस्टमाइज्ड ज्वैलरी

बरसों तक मातृत्व की भावना को महसूस करने और छोटे-छोटे पलों को संजोए रखने के लिए आज कल महिलाएं मां के दूध, गर्भनाल, बच्चे के बाल, नाखून से तरह-तरह के आभूषण बना रही हैं। इन सभी के उपयोग के साथ 18 से 22 कैरेट सोने में पेंडेंट, ब्रेसलेट, अंगूठियां आदि के आभूषण बनाए जा रहे हैं।
आपको बता दें कि आमतौर पर प्रेग्नेंसी से लेकर बच्चे के जन्म तक मां-बाप अलग-अलग पलों को फोटो या वीडियो के जरिए कैद करते हैं और बच्चे के जन्म के बाद भी उनसे जुड़ी छोटी-छोटी बातों को सहेज कर रखते हैं। इस बीच अब स्तन के दूध का उपयोग करके आभूषण बनाए जा रहे हैं, जो नवजात शिशु के लिए आवश्यक है और मातृत्व का एक अभिन्न अंग है। माता-पिता विभिन्न आभूषण जैसे पेंडेंट, कंगन, स्तन के दूध और बच्चे के बाल, नाखून, उंगलियों के निशान, हाथ के निशान, फलों के निशान, गर्भ आदि का उपयोग करके अपने नए जीवन के विभिन्न क्षणों को संरक्षित करने की कोशिश कर रहे हैं।
ज्वैलरी मेकर डॉ अदिति मित्तल ने मीडिया को बताया कि ब्रेस्ट मिल्क और डीएनए ज्वैलरी कस्टमाइज्ड ज्वैलरी है। मां के दूध को पहले पाउडर के रूप में परिवर्तित किया जाता है और फिर रसायनों को मिलाकर ठोस रूप दिया जाता है। एक माँ बच्चे को एक निश्चित समय तक ही स्तनपान करा सकती है। तो आज के समय में माताएं इस तरह के आभूषण बनाकर बरसों मातृत्व का जश्न मनाना चाहती हैं। इस प्रकार आभूषणों को पीढ़ी दर पीढ़ी सुरक्षित रखा जा सकता है। ऐसे आभूषण की लागत 3000 से शुरू होती है। गहनों की कीमत इस्तेमाल किए गए सोने के ग्राम की मात्रा पर निर्भर करती है।
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