सूरत : 280 स्कूलों को तीन दिन में बख्शीपंच छात्रों का जाति प्रमाण उपलब्ध कराने का आदेश

सूरत : 280 स्कूलों को तीन दिन में बख्शीपंच छात्रों का जाति प्रमाण उपलब्ध कराने का आदेश

एक भी छात्र लाइन में न खड़ा होने के कलेक्टर के निर्देश के बाद शिक्षा अधिकारी के कार्यालय की व्यवस्था चलने लगी

तीन दिन के भीतर छात्रों के साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करने पर स्कलो के खिलाफ कार्यवाही होगी: जिला कलेक्टर 
देर शाम जिला शिक्षा अधिकारी ने सूरत के 280 निजी स्कूलों को सर्कुलर जारी कर आगामी तीन दिनों में बक्शीपंच के सभी 280 निजी स्कूलों को छात्रों के साक्ष्य पेश करने के आदेश दिए है अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की जायेगी। बोर्ड के छात्रों को स्कूल के परिणाम के साथ जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए, विकासशील जाति कार्यालय प्रत्येक स्कूल से छात्रों के साक्ष्य मांगता है। कार्यालय में ही प्रमाण पत्र तैयार किया जाता है और स्कूल को भेजता है। इस साल भी 7700 छात्रों को सर्टिफिकेट स्कूलो द्वारा भेजा गया था। इतनी सुनियोजित योजना के बावजूद निजी स्कूलों के संचालकों ने इसका विरोध कर स्कूल के छात्रों के साक्ष्य पेश नहीं किये। वर्तमान में छात्र कार्यालय में प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए लंबी लाईनों में खडे होकर धक्का खा रहे हैं। इस संबंध में सूरत जिला कलेक्टर को शिकायत मिलने पर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
आज जिला कलेक्टर ने नगर प्रान्त के अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, विकासशील जातियों के उप निदेशक एवं अन्य पदाधिकारियों के साथ बैठक की। और बैठक में साफ निर्देश दिया गया कि एक भी छात्र लाइन में न खड़ा हो। और सभी को प्रमाण पत्र आसानी से उपलब्ध कराने की योजना बनाने का आदेश दिया। इस आदेश का पालन करते हुए सूरत जिला शिक्षा अधिकारी ने सूरत के 280 निजी स्कूलों को अल्टीमेटम दिया है कि इन स्कूलों ने आज तक 2021-22 के प्रस्ताव नहीं भेजे हैं, इस मामले को गंभीरता से लिया गया है। इन सभी स्कूलों को दिन-3 के दिन में उप निदेशक विकासशील जाति के कार्यालय में जिम्मेदार स्टाफ के साथ छात्रों का प्रस्ताव भेजना होगा। यदि समय सीमा के भीतर प्रस्ताव नहीं भेजा जाता है, तो इस संबंध में उत्पन्न होने वाले किसी भी प्रश्न के लिए प्राचार्य पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे।
बक्शीपंच के प्रमाणपत्र हर साल विकासशील जाति द्वारा तैयार किए जाते हैं। इस साल, यह बताया गया कि इन 280 स्कूलों ने सबूत पेश नहीं किया। सूत्रों के अनुसार उस समय स्कूल संचालकों ने डीईओ को सौंपकर इस कदम का विरोध किया था। और सबूत नहीं दिया। फिर सन्नाटा छा गया। अगर डीईओ कार्यालय ने उस समय इन स्कूलों की सूची के साथ अल्टीमेटम दिया होता तो छात्र आज लाईन में खडे नहीं होते। और सर्टिफिकेट मिलने से तनाव जल्दी कम हो जाता है।
सूरत जिला कलेक्टर के आदेश से जिला शिक्षा अधिकारी की व्यवस्था भी अलर्ट की स्थिति में आ गई है। तीन दिन का अल्टीमेटम देने के बाद यदि विद्यालय प्रशासक छात्रों की साख के संबंध में साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करते हैं, तो प्रत्येक विद्यालय का निरीक्षण शिक्षा निरीक्षक द्वारा किया जाएगा। और जिन्हें डीईओ कार्यालय द्वारा उन स्कूलों के प्राचार्यों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
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