सूरत : रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों ने भारत से निर्यात के लिए पर्याप्त अवसर पैदा किए : कैट

सूरत :  रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों ने भारत से निर्यात के लिए पर्याप्त अवसर पैदा किए : कैट

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र शाह और राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल कपड़ा उद्योग को रूस को निर्यात करने के लिए महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान किया

जीएसटी अब तक का सबसे जटिल कानुन, रिव्यु करके खामीयों को दुर करना आवश्यकः कैट महासचिव प्रविण खंडेलवाल
 दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने संयुक्त रुप से रविवार को  'जीएसटी और खाद्य और मानक सुरक्षा अधिनियम' के संबंध में कठिनाइयों पर चर्चा करने के लिए तथा रूस युक्रेन युध्द के दौरान निर्यात के संबंध में एक इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किया।  इस विषय को लेकर सूरत के व्यापारियों को कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र शाह और राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने संबोधित किया।  
कैट के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल द्वारा  मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि आज सूरत के कपड़ा उद्योगपतियों तथा व्यापारियों के साथ जीएसटी, एफएसएसएआई, पीआईएस, पोल्युशन, इ कोमर्स, डिजिटल पेमेन्ट को लेकर बैठक में विस्तृत चर्चा की गयी। इस बैठक के दौरान यह जानने को मिला की जीएसटी देश का अब तक का सबसे बडा जटील टेक्ष है। इस कानुन को लागु होने के 4 साल हो गए उसके बावजुद देश के व्यापारी इस निष्कर्ष पर पहुंच है कि वर्तमान जीएसटी कानुन वह नही है जो जीएसटी लागु होने से पहले शुरूआत में कहा गया था। जीएसटी कानुन के जटील होने के पीछे सभी राज्य दोषित है। सभी राज्यों ने अपने अपने राज्य के व्यापारियों के हित में निर्णय लिया जिसके कारण जीएसटी कानुन को सरल बनाने के बारे में किसी ने चिंता व्यक्त नही की। अब तक जीएसटी कानुन में 1100 बार सरकार ने संशोधन कर अपनी गलती खामी को दुरस्त किया है। जीएसटी के दौरान अधिकारियों को बेसुमार अधिकार दिए गए है। मगर व्यापारी से एक छोटी सी भी गलती फोर्म सबमिशन में होती है और एक शुन्य अधिक या कम लग जाता है तो उस पर कोई संशोधन या सुनवाई नही होती सीधे व्यापारी को दोषित और दंडित किया जाता है जो योग्य नही है। आतंकवादी को भी अपना पक्ष रख सकते है मगर व्यापारी से छोटी सी भी गलती हुई तो बिना किसी सुनवाई के सीधे दंडीत किया जाता है। जीएसटी ऐसा जटील कानुन है जिसे बनानेवाले अधिकारी और पारित करनेवाले मंत्री भी स्वंय फोर्म तक नही भर सकते है। इतने जटील कानुन को नए सीरे से रीव्यु करके खामीओं को दुर करना चाहिए ‌जिससे कानुन का सरलीकरण भी हो और सरकार का कर का दायरा भी बढ़े। उसके बाद अगर कोई व्यापारी कानुन का पालन नही करे तो अवश्य रूप से उसे दंड मिलना चाहिए। 
ई-कोमर्स के बारे में प्रविण खंडेलवाल ने कहा कि ई कोमर्स व्यापार का भविष्य है। ई कोमर्स का उपयोग युवा पेढी करती है और वही व्यापार का भविष्य है। ई कोमर्स को प्रमोट करने के लिए सरकार, बैन्क और ब्रान्डेड कंपनिया प्रमोट करती है। बेन्क ई कोमर्स पेमेन्ट पर केशबेक देती है मगर यही सुविधा व्यापारी को भी मिलनी चाहिए। तुरंत ई कोमर्स की पोलिसी घोषित करनी चाहिए। ट्राई की तरह कोई रेग्युलेटरी कमिटी का गठन करके उसे मोनीट्रेड रेग्यलेट करना चाहिए। 
रशिया युक्रेन युध्द के बारे मे प्रविण खंडेलवाल ने कहा कि युध्द किसी भी देश और मानवता के लिए अच्छा नही होता। वर्तमान में चल रहे युध्द के दौरान पश्चिमी देशों ने रशिया पर जो प्रतिबंध लगाए है उसके चलते जरूरी सामान के लिए रशिया भारत में अपनी संभावना देख रहा है। रशिया युध्द से पहले युक्रेन, युके और युएस से सामान खरीदता था मगर प्रतिबंधो के कारण उसे वही चीजे भारत से खरीदनी पडेगी। इस लिए भारत के व्यापारीओं को बडी संभावना है। केट की ओर से सभी व्यापारियों को अपने प्रोडक्ट का बाजार रशिया में तलाशने की संभावना है। रूस और यूक्रेन इस समय युद्ध में हैं। नतीजतन, यूके, यूएस और यूरोप जैसे देशों द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों ने भारत से निर्यात के लिए पर्याप्त अवसर पैदा किए हैं, विशेष रूप से कपड़ा, वस्त्र, मशीन के पुर्जे, भोजन, हार्डवेयर और जूते की मांग रशिया से मिल सकती है। 



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