सूरत : खाद की बढ़ती कीमतों से किसान परेशान, एमएसपी बढ़ाने की मांग

सूरत : खाद की बढ़ती कीमतों से किसान परेशान, एमएसपी बढ़ाने की मांग

दर्शन नायक ने राज्य सरकार से उर्वरक मूल्य वृद्धि को कम करने के बजाय वापस लेने की मांग की।

उर्वरकों की बढ़ती कीमतों के बीच किसानों उत्पादन महंगा पड रहा है, सरकार की खाद सब्सिडी बढ़ाने की बात लुभावना हैः दर्शन नायक
एक तरफ प्रदेश के कई जिलों में खाद की किल्लत है तो वहीं पिछले कुछ सालों में उर्वरकों के दाम 50 फीसदी से बढ़कर 100 फीसदी हो गए हैं। किसानों को लाभ-हानि दोनों झेलनी पड़ रही है।  किसानों को कभी पर्याप्त तो कभी अपर्याप्त मूल्य मिल रहा है। इसलिए किसानों को उर्वरकों की कीमतों को नियंत्रित करने और कृषि उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने की जरूरत है। रासायनिक उर्वरकों के बढ़ते दाम से किसानों का बजट बाधित हुआ है। सहकारिता नेता और किसान नेता दर्शन नायक ने किसानों की ओर से हर महीने उर्वरकों के दाम बढ़ाकर किसानों को दिए जाने वाले धीमे जहर को रोकने की मांग की है।
आगे के विवरण के अनुसार, एक प्रमुख किसान और सहकारी नेता, दर्शन नायक ने सरकार को फटकार लगाई है और मांग की है कि देश की बढ़ती आबादी को खाद्यान्न उपलब्ध कराना हमारे लिए एक गंभीर चुनौती है। उत्पादन के लिए जैविक खाद की आवश्यकता होती है वहीं दूसरी ओर इसकी कीमत भी बढ़ रही है। अपर्याप्त कीमतों और उर्वरकों की बढ़ती कीमतों के कारण किसान पीड़ित हैं। एक अनुमान के अनुसार, बढ़ती महंगाई के कारण किसान डीजल के अलावा खेती की कुल लागत का 8 से 12 प्रतिशत उर्वरक में भी पिछड़ रहे हैं। पेट्रोल, श्रम लागत, कीटनाशकों की लागत, परिवहन उपकरण की लागत और खेती की लागत के साथ-साथ बिजली की दरें भी बढ़ रही हैं।
किसान एवं सहकारिता नेता,  गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव दर्शन नायक ने आगे कहा कि अगर किसानों को खाद्यान्न उत्पादन के लिए पोषक तत्वों की पर्याप्त आपूर्ति नहीं मिली तो उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। दूसरी ओर, रासायनिक उर्वरक की कीमत पिछले पांच वर्षों से दोगुनी हो गई है।
गौरतलब है कि जब गुजरात में तथाकथित मंत्री जो किसान या सहकारी नेता हैं, तो सरकार ने वर्ष 2022 में किसानों की आय को दोगुना करने की घोर घोषणा की। अगर पिछले पांच साल में किसानों की आय दोगुनी हुई है तो उन्हें यह साबित करना होगा। एक तरफ सरकार ने किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए सब्सिडी में 140 फीसदी की बढ़ोतरी की है तो किसान को खाद पुरानी कीमत पर ही मिलेगा । रासायनिक उर्वरकों के दामों में मासिक वृद्धि से किसानों का बजट बिगड़ गया है सरकार को किसानों को धीमा जहर देना बंद कर देना चाहिए। साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाया जाए। सहकारिता नेता और किसान नेता दर्शन नायक ने मांग की है कि सरकार बोरियों में दी जाने वाली खाद का वजन कम करना बंद करे।
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