सूरत : मॉनसून के दौरान इस साल भी शहर में खाडीपुर की आशंका रह सकती है!
By Loktej
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खाडी ड्रेजिंग की तैयारी शुरू हो गई है लेकिन काम पूरा होने में 8 महीने लगेंगे, 2020 में पर्वत, मागोब सहित खाडीपुर में 5 लाख लोग प्रभावित हुए थे
जीवनज्योत से मागोब के 6.6 किमी ड्रेजिंग के लिए निविदा स्वीकृति के लिए रखी गई थी
सूरत शहर के लिंबायत जोन क्षेत्र में हर साल मॉनसून के सिझन में खाडी बाढ़ का संकट बना रहता है। इस साल भी सणिया हेमाद, मगोब, परवत , मिठीखाडी जैसे खाडी किनारों की आबादी को खाड़ी बाढ़ का सामना करना पड सकता है। 2020 में शहर के उपरी क्षेत्र जैसे पलसाणा, कामरेज, बारडोली, चोर्यासी में भारी बारिश के कारण मिठीखाड़ी में बाढ़ आ गई थी। जिसमें पर्वतपटिया, पर्वतगाम, मागोब, खाड़ी तट के निवासी प्रभावित हुए थे।
इस खाडी बाढ से करीबन 5 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए। इस घटना के बाद भी नगर पालिका ने कोई सबक नहीं लिया है। उस समय सलाहकार वैपक्रॉस लिमिटेड की राय ली गई थी। रिपोर्ट में सलाहकार ने खाड़ी में समय-समय पर ड्रेजिंग ऑपरेशन करने के निर्देश दिए हैं।लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी नगर निगम ने जीवनज्योत से मागोब तक नाले की खुदाई नहीं की है। मॉनसून सीजन में सिर्फ एक महीना बचा है, स्टैंडिंग कमेटी ने मिठीखडी में जीवन ज्योत के पास छोटा खाड़ी ब्रिज से आशीर्वाद मार्केट मागोब तक 6.6 किमी के ड्रेजिंग के लिए 10.32 करोड़ रुपये के टेंडर को मंजूरी देने का प्रस्ताव दिया है। टेंडर की शर्तों के मुताबिक इस काम को पूरा होने में 8 महीने का समय लगेगा।
जीवनज्योत से मागोब तक की खाड़ी में ड्रेजिंग के लिए एक साल पहले टेंडर मंगाया गया था जो शासकों द्वारा किया कि स्थगित कर दिया गया था। दूसरी बार टेंडर मांगे गए थे। खाडी तट पर रहनेवाली आबादी को मानसून से पहले काम पूरा होने पर ही मिलेगा फायदा। खाड़ी में 5 से 7 फीट ड्रेजिंग की आवश्यकता है जिसके लिए समय-समय पर अभ्यावेदन दिया। मानसून से पहले ड्रेजिंग से ही फायदा होगा।
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