सूरत: 18 से 59 साल के नागरिकों में बूस्टर डोज़ लगाने को लेकर दिख रहा है आलस

सूरत: 18 से 59 साल के नागरिकों में बूस्टर डोज़ लगाने को लेकर दिख रहा है आलस

कोरोना महामारी शुरू होने के बाद पहली बार सूरत शहर कोरोना मुक्त बना है। पिछले कई समय से अस्पताल में इलाज करवा रहे केसों की संख्या में काफी कमी आ रही थी। जिसके चलते अस्पताल में अब एक भी एक्टिव केस नहीं है। हालांकि शहर में अभी भी लोग बूस्टर डोज़ लेने में आलस कर रहे है। ऐसे में कोरोना की संभवित चौथी लहर के खिलाफ लोगों की यह आलस चिंता का विषय बन रहा है। फिलहाल सूरत शहर में 18 से 59 साल के मात्र 0.6 प्रतिशत नागरिकों द्वारा ही लिया गया था।
मार्च महीने की शुरुआत से ही शहर में प्रीकोशन डोज़ की शुरुआत की गई थी। जिसमें 60 साल से अधिक और हेल्थ वर्कर तथा फ्रंटलाइन वर्कर के लिए शहर के अर्बन हेल्थ सेंटर्स में जबकि 18 से 59 साल साल के नागरिकों के लिए निजी अस्पताल में वयवस्था की गई थी। 
शहर में 60 साल से अधिक उम्र के 3.25 लाख से अधिक पंजीकृत नागरिकों में से 1.32 लाख लाख लोगों ने प्रीकोशन डोज़ लिया है। यानि की 40 प्रतिशत लोगों ने यह प्रीकोशन डोज़ ले लिया है। हालांकि 18 से 59 साल के वय ग्रुप में यह संख्या 2.84 लाख के सामने मात्र 1747 की है। जिसके चलते तंत्र द्वारा अब इस दिशा में धायन केन्द्रित किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि देशभर में पिछले एक हफ्ते से कोरोना महामारी का कहर जारी है। नई दिल्ली में भी कोरोना की बिगड़ती हालत के बाद सिर्फ तीन हफ्ते में मास्क को फिर से अनिवार्य करने का फैसला किया गया है। ऐसे में सूरत समेत पूरे राज्य में कोरोना की संभावित चौथी लहर की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में इसमें कोई शक नहीं है कि जब कोरोना जैसी महामारी फिर सिर उठाएगी तो एहतियाती खुराक सबसे अहम साबित होगी।

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