सूरत : स्मार्ट सिटी सम्मेलन में हवा से पानी बनाने का मशीन बना आकर्षण का केंद्र

सूरत : स्मार्ट सिटी सम्मेलन में हवा से पानी बनाने का मशीन बना आकर्षण का केंद्र

सूखे और भूजल की कमी की समस्या है वहा यह मशीन आशीर्वाद समान है एक दिन में 40 लीटर से लेकर 5000 लीटर की क्षमता वाली मशीनें बनानेकी क्षमता

हैदराबाद  कि कंपनी द्वारा बनाया गया वायु जल जनरेटर, जीरो वेस्ट और इकोफ्रेंडली मशीन किसी भी मौसम में काम करती है
अपर्याप्त वर्षा के कारण देश के कई राज्य पानी की गंभीर समस्या का सामना कर रहे हैं । साल 2030 तक बढ़ती आबादी से पानी की मांग दोगुनी हो जाएगी। वर्ष 2007 के एक सर्वेक्षण के अनुसार 2016 के बीच भूजल स्तर में 21 फीसदी की गिरावट आई है। यह  कड़वी हकीकत है जब पानी की किल्लत और भविष्य की स्थिति को देखते हुए मैत्री एक्वाटेक  हैदराबाद, आंध्र प्रदेश से  कंपनी ने एक ऐसी मशीन बनाई है जो हवा से पानी बनाता है। फिलहाल यह मशीन दुनिया के 27 देशों के लोगों की पानी की जरूरत को पूरा कर रही है।
सूरत में आयोजित स्मार्ट शहर,स्मार्ट शहरीकरण राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में हवा से पानी बनाना का मशीन प्रदर्शित किया गया है, जो सभी के आकर्षण का केंद्र बन गया है। एयर वाटर जेनरेटर प्रति दिन हवा से एक दिन में 150 लीटर पानी बनाता है। इस मशीन की कीमत 2 लाख रुपये है,  इस मशीन की लाइफ 15  साल है। इतना ही नहीं, स्मार्ट समिट स्थल पर केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा भी मशीन का इस्तेमाल किया गया था। डेलिगेट मेहमानों के लिए दो दिन में 2946 लीटर शुद्ध पेयजल का उत्पादन हो चुंका है। मेघदूत वर्तमान में सूरत के सरसाना में स्मार्ट सिटी समिट स्थल पर पेयजल की आपूर्ति कर रहा है। 
पिछले दो दिनों से स्मार्ट सिटी सम्मेलन में इसी मशीन से जलापूर्ति हो रही है
मैत्री एक्वाटेक कंपनी के सीईओ नवीन माथुर कहते हैं कि विज्ञान के अनुसार हवा में पानी है और  हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से पानी बनता है, मेक इन इंडिया के तहत विकसित किया गया यह मशीन हवा को पानी में बदल देती है।  जहां सूखे और भूजल की कमी की समस्या होती है वहां  हवा से पानी  मशीन वरदान बन गई है। मेघदूत ब्रांड नाम के तहत कंपनी द्वारा निर्मित एयर वोटर जनरेटर में 1 लीटर पानी उत्पन्न करने की लागत मात्र 1.50 से 2 रु. और सौर ऊर्जा प्लेट के माध्यम का उपयोग किया जाता है, तो यह लागत घटकर 60 पैसे हो जाती है।
माथुर ने कहा कि आज पूरा विश्व सुरक्षित पेयजल की समस्या से जूझ रहा है। जिसे सुलझाने के लिए एक वायु जल जनरेटर बनाया। एक परिवार, स्कूल-कॉलेज, कंपनी या बड़े भवन के लिए फ्रिज का आकार से शुरुआती क्षमता से  एक ट्रक के आकार की मशीनों का निर्माण करते हैं। मरुस्थलीय क्षेत्र, दुर्गम पर्वतीय क्षेत्र, सेना के जवानों की ड्यूटी प्लेस में यह मशीन सबसे अच्छा विकल्प है।
उन्होंने आगे कहा कि स्मार्ट सिटी में ऐसे जीवन की कल्पना कि गयी है जिसमें विकास के नए आयामों के साथ मानव जीवन की कठिनाइयों को परियोजनाओं के माध्यम से दूर किया जा सकता है और मनुष्य को एक आरामदायक जीवन शैली प्रदान की जा सकती है।
यह मशीन स्मार्ट सिटी की अवधारणा का अनुसरण करती है। इस जनरेटर का आविष्कार कंपनी के संस्थापक रामकृष्ण ने किया था और यूएन ग्लोबल काउंसिल और एफएसएसएआई द्वारा प्रमाणित है। यह तकनीक भारतीय रेलवे के लिए भी स्वास्थ्यवर्धक और पर्यावरणलक्षी अनुकुल लगने पर  देश के कई स्टेशनों पर मेघदूत मशीनें लगा दी गई हैं। मैत्री कंपनी ऐसा जनरेटर भी बनाता है जो एक दिन में 3 लाख लीटर पानी का उत्पादन करता है।
सूरत की मेयर श्रीमती हेमाली बोघावाला ने भी इस कंपनी के स्टॉल का दौरा किया और इस तकनीक का परिचय प्राप्त कर प्रभावित हुए। विजिटर्स भी हवा से बने पानी का लुत्फ उठाने से नहीं चूकते। यह मशीन पर्यावरण के अनुकूल है। यह पानी के किसी अन्य स्रोत पर निर्भर नहीं है, स्मार्ट तकनीक से हवा से शुद्ध पानी बनाया जा सकता है। यह कंपनी जरूरत के हिसाब से रोजाना 40 लीटर से लेकर 5000 लीटर की क्षमता वाली मशीनें बनाने में सक्षम। इसे किसी भी मौसम में इस्तेमाल किया जाता है और इससे  किसी भी प्रकार का अपशिष्ट उत्पन्न नहीं होता है।

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